उन्नाव (उत्तर प्रदेश)। भले ही पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में है लेकिन एक बार फिर से वह चर्चा में आ गया है। दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी अरुण सिंह को भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का टिकट दिया है। इसके बाद से भाजपा द्वारा औरास द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित जाने का विरोध करते हुए मांखी बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। साथ ही, पीड़िता ने भाजपा नेतृत्व से सिंह के बजाय किसी अन्य को प्रत्याशी बनाने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि उन्नाव जिले के मांखी इलाके की रहने वाली युवती ने वर्ष 2017 में उन्नाव की बांगरमऊ सीट से भाजपा विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में इस मामले में सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। पीड़िता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बृहस्पतिवार को भेजे गए पत्र में उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा द्वारा घोषित प्रत्याशी अरुण सिंह को कुलदीप सिंह सेंगर का खास बताते हुए अपने पिता की हत्या और जुलाई 2019 में खुद के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की घटना का आरोपी बताया है। पीडिता ने पार्टी नेतृत्व से अरुण के बजाय किसी और को प्रत्याशी बनाने का अनुरोध किया है। पीड़िता ने कहा कि भाजपा और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वैसे तो आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की बात करती है, लेकिन मेरे मामले में सरकार ने मेरे पिता की हत्या व मेरे साथ रायबरेली में घटित घटना में नामजद अभियुक्त को जिला पंचायत अध्यक्ष का अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
पीडिता ने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा सरकार कुलदीप सिंह सेंगर का अब भी साथ दे रही है।’’ भगवा पार्टी ने जिले के नवाबगंज ब्लॉक के निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख एवं औरास द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को अपना प्रत्याशी घोषित किया। पीड़िता ने दावा किया, ‘‘अगर अरुण सिंह चुनाव जीत गया तो उसकी जान को खतरा और बढ़ जाएगा। पार्टी और सरकार से उसकी मांग है कि अरूण सिंह का टिकट वापस लेकर किसी अन्य को प्रत्याशी घोषित किया जाए। पीड़िता ने यह भी कहा कि उसके चाचा पुलिस हिरासत में हैं और पैरोल की मांग कर रहे हैं, लेकिन कुलदीप सिंह के रुसूख की वजह से पैरोल नहीं मिल पा रहा है और घर में किसी पुरूष सदस्य के न होने से बहनों की शादी रूकी हुयी है।
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