दरभंगा: गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच करने एनआईए की टीम शुक्रवार को दरभंगा पहुंची। दरभंगा पहुंचने के बाद जिला अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ एनआईए की टीम ने एक बैठक की। बैठक के तुरंत बाद एनआईए की टीम दरभंगा जंक्शन पहुंची और जांच पड़ताल में जुट गई। बता दें कि दरभंगा जंक्शन पर पार्सल में हुए धमाके के पीछे बड़ी आतंकी घटना का अंदेशा जताया गया है। इसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़े हैं। एनआईए अब इस मामले की साजिश की तह तक पहुंचने की कोशिश होगी।
पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी, जिसमें कुछ केमिकल होने की बात सामने आई है। शीशी में कौन सा केमिकल था और उसका इस्तेमाल किन चीज में हो सकता है, इसकी जांच मुजफ्फरपुर एफएसएल कर रही थी। बताया जाता है कि एफएसएल द्वारा सैंपल रेल पुलिस को लौटा दिया गया और उसे जांच के लिए कोलकाता स्थित सीएफएसएल भेजा गया है। ब्लास्ट के बाद शीशी में दरार आ गई थी जिसके चलते उसमें मौजूद केमिकल न के बराबर बचा है। ऐसे में उसकी जांच के लिए नमूना लेना न सिर्फ कठिन है, बल्कि एक बार के बाद दोबारा नमूने लेना भी मुश्किल है।
अब तक पार्सल ब्लास्ट की जांच में तीन राज्यों की एटीएस लगी थी। बिहार के अलावा तेलंगाना और उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम एक-दूसरे के इनपुट पर कार्रवाई कर रही थी। वहीं, सूत्रों के मुताबिक धमाके से जुड़े चार संदिग्धों को तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में हिरासत में लिया गया है। उत्तर प्रदेश के शामली में हिरासत में लिए गए संदिग्ध रिश्ते में पिता-पुत्र हैं। बताया जाता कि इनमें से ही किसी एक की आईडी पर वह सिम लिया गया था, जिसका नम्बर पार्सल पर मिला है।


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