फुलवारीशरीफ। ईमारत शरिया के उप अमीर हजरत मौलाना मुहम्मद शमशाद रहमानी कासमी की अध्यक्षता में बिहार, ओडिशा और झारखंड के ईमारत शरिया की स्थापना के शताब्दी वर्ष पर 26 जून 2021 को एक विशेष बैठक इमारत शरिया में आयोजित की गई। हजरत नायब अमीर शरीयत ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि ईमारत शरिया एक ऐसी संस्था है जिसने शरीयत को मानने वाले लोगो के साथ न्याय समाजिक शैक्षणिक तरक्की की बुनियाद को मजबूत रखा है। आज लाखों लोगों के आस्था का केंद्र इमारत शरिया मुल्क की तरक्की में हर मामले में सहभागिता निभाता चला आ रहा है। जिस उद्देश्य के साथ लोंगो के विकास में लगा है कि सबके सााथ न्याय हो। हमारा प्रयास है कि दृढ़ संकल्प , उत्साह और ऊर्जा के साथ इस संस्था को आगे बढ़ाते रहना है।इमारत की स्थापना करने वाले हमारे महान महापुरुषों ने जिस तरह आजादी की लड़ाई में खड़ा रहे उसी तरह आज भी देश की उन्नति में सहयोग देने में कोई कसर नही छोडेंगे । इमारत शरिया ने जिस तरह अपनी स्थापना काल से आजतक मुसलमानों को एक केंद्र से जोड़े रखने में सफल रहा है उसे मुस्लिम समाज के जीवन को हर तरह से तरक्की की राह पर आगे बढाने में भी लगा हुआ है। उन्होंने आशा जताई कि हम सभी को उज्ज्वल भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ना है, और हमें विकास और स्थिरता के लिए काम करना है । उन्होंने कहा कि इस संस्था के लिए मरहूम अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने हर जिले में गाँव के स्कूलों और सीबीएसई शैली के स्कूलों की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया था। हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस मिशन को स्थिरता और मजबूत तरीके से अंजाम दिया जाए। इसके अलावा कोरोना वायरस के खतरे से लोगो को आगाह करते हुए मास्क लगाने गाईड लाईन का पालन करने और वैकैनेशन के कार्यो को सफलतापूर्वक सभी तक पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। कोरोना माहमारी में इमारत शरिया ने लोगो को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी उठायी है उसे अंतिम व्यक्ति तक कोरोना टिकाकरण का फायदा पहुंचाने में इमारत के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की हौसला अफजाई भी की । उन्होंने कहा की कोरोना संकट ने हमारे मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल के महत्व और आवश्यकता को दोगुना कर दिया है । हजरत नायब अमीर ए शरीयत ने कहा की इमारत शरीया के सांगठनिक कार्यकाल के 100 वर्ष पूरे होने पर हम भव्य शताब्दी संगोष्ठी आयोजित करने का संकल्प लेते हैं ताकि देश के लोगों के बीच इमारत की सेवाओं और हर विभाग के प्रदर्शन को बेहतर तरीके से उजागर किया जा सके। ईमारत शरिया के उच्च पदों पर रहे हमारे महापुरुषों ने लाखों लोंगो के जीवन स्तर को बदल दिया। हमारे पूर्वजों और महापुरुषों के बलिदानों के बारे में पूरे देश को जागरूक करना आवश्यक है।


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