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एलएसी पर हर हिमाकत का ऑफेंसिव डिफेंस से जवाब देने को भारत बेकरार, 50 हजार अतिरिक्त जवान तैनात कर ड्रैगन पर कमरतोड़ प्रहार

नई दिल्ली, (एजेंसी)। एक पुरानी कहावत है द बेस्ट डिफेंस इज गुड ऑफेंस मतलब अच्छा आक्रमण ही रक्षा की सबसे बेहतर नीति है। भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। भारत दो दिशाओं से दुश्मनों से घिरा है। चीन और पाकिस्तान लगातार भारत पर प्रहार करने की कोशिश में लगे रहते हैं। पहले के दिनों में ये कहा जाता था कि भारत हमेशा से डिफेंसिव रहता है और पहला वार नहीं करता है। एक हद तक तो ये पॉलिसी सुनने में बेहद अच्छी लगती है लेकिन इसे जमीन पर भारत को कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है क्योंकि हमारे सामने चीन जैसा दगाबाज दुश्मन खड़ा है। जिसके छल और दगाबाजी के सामने डिफेंसिव पॉलिसी उतनी अपनाना पीठ में खंजर घोंपने वाले को गले लगाने के समान है। इसलिए भारत ने अब नई नीति अपनाई है ऑफेंसिव डिफेंस की यानी कि अब अपनी रक्षा भी अब इस प्रकार से करेंगे की दुश्मन पर प्रहार जब होगा तो खुद ब खुद हमारी रक्षा होगी। इसी तकनीक को ऑफेंसिव डिफेंस कहा जाता है। यानी की शत्रु पर प्रहार करते हुए खुद की रक्षा करना।

50 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती: न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के हवाले से एक रिपोर्ट के जरिये कहा गया है कि भारत ने हाल ही में अपने 50 हजार जवानों को लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर शिफ्ट कर दिया गया है। ये तैनाती एक साथ नहीं हुई है बल्कि पिछले कई महीनों में ये तैनाती की गई है। न्यूज एजेंसी ने 50 हजार जवानों की चीन सीमा पर तैनाती के भारत के कदम को ऐतिहासिक बताया है। इस रिपोर्ट के अनुसार अभी तक एलएसी पर भारतीय सेना की तैनाती चीन के किसी कदम को रोकने के लिहाजे से की जाती थी। लेकिन अब तैनाती में इजाफा होने के बाद भारतीय जवानों के पास आक्रामक जवाब देने का भी विकल्प रहेगा।

मोदी सरकार की चीनी सीमा पर फोकर करने की रणनीति: दोनों देशों के बीच हुए 1962 के युद्ध को भला कौन भूल सकता है। लेकिन अंग्रेजों के देश छोड़ने के बाद से ही भारत का रणनीतिक ध्यान मुख्य रूप से पाकिस्तान पर ही रहा है। लंबे समय तक प्रतिद्वंद्वियों ने कश्मीर क्षेत्र पर तीन युद्ध लड़े। फिर पिछले साल एलएसी पर दशकों में सबसे घातक भारत-चीन के सैन्य संघर्ष के बाद से मोदी सरकार ने इस्लामाबाद के साथ तनाव कम करने और मुख्य रूप से चीन का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति अपना रखी है। पिछले कुछ महीनों में भारत ने चीन सीमा के साथ लगे तीन अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिकों और लड़ाकू जेट स्क्वाड्रनों को तैनात कर दिया है। भारत ने चीन सीमा के पास लगभग 2 लाख सैनिकों की तैनाती कर दी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40% से अधिक है।

पूर्वी लद्दाख से रक्षा मंत्री का चीन को कड़ा संदेश: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख से चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत ‘‘गलवान वीरों’’ के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और देश के सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान तलाशने की कोशिश की जानी चाहिए, लेकिन साथ ही आगाह किया कि अगर कोई हमें धमकाने की कोशिश करेगा तो भारत इसे बर्दाशत नहीं करेगा। देश के लिए गलवान घाटी में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा।’’उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।

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