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पारस को मंत्री बनाए जाने पर चिराग को ऐतराज, कहा- उन्हें लोजपा से निकाला जा चुका है

नई दिल्ली, (एजेंसी)। लोजपा में विरासत की राजनीति को लेकर उठापटक के बीच पशुपति पारस को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। पशुपति पारस ने चार अन्य सांसदों के साथ चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद से पशुपति पारस को मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं लगातार जताई जा रही थी। पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाने की खबरों के बीच चिराग पासवान ने ऐतराज जताया है। पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।

एक के बाद एक कई ट्वीट कर चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है। उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन जहां तक छखढ का सवाल है पारस हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो छखढ का कोई लेना देना नहीं है।

चिराग पासवान ने लिखा कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशुपति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फैसले पर पुन: विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है। लोक जनशक्ति पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना था के फैसले के खिलाफ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।

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