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नई आबकारी नीति: दिल्ली में मिलेगी ताजा बीयर, नकली शराब पर लगेगा अंकुश

नई दिल्ली, (एजेंसी)। दिल्ली की नई आबकारी नीति, 2021 में बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। इसके तहत दिल्लीवासी अब इन छोटी इकाइयों से ताजा ड्राट (खुली) बीयर ले सकते हैं।बकारी विभाग की वेबसाइट पर सोमवार को डाली गयी नई नीति का मकसद दिल्ली सरकार के राजस्व बढ़ाना और नकली शराब पर अंकुश लगाना है। नीति के तहत बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को बार और रेस्तरां में आपूर्ति करने और लोगों को घर के लिए बीयर की बिक्री की अनुमति दी गयी है। नीति दस्तावेज के अनुसार, ”शराब बनाने वाली छोटी इकाइयों को लोगों को वहां से बोतलों में बीयर ले जाने की अनुमति दी गयी है। साथ ही वे अन्य बार और रेस्तरां को बीयर की आपूर्ति कर सकते हैं, जिनके पास ग्राहकों को परोसने का लाइसेंस है।

आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस पहल से लोग शराब बनाने की छोटी इकाइयों में जाकर वहां से ताजा बीयर प्राप्त कर सकते हैं। उसने कहा, ”इस प्रकार की नीति दिल्ली से सटे गुरुग्राम में है, लेकिन दिल्ली में घर ले जाने की सुविधा नहीं थी। इस नीति से राष्ट्रीय राजधानी में शराब और बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को प्रोत्साहित किया गया है। हालांकि अधिकारी के अनुसार नई नीति में उत्पादों की गुणवत्ता सुनश्चित करने के लिए कई उपाय भी किए गए हैं। नीति दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि बैंक्वेट हॉल में स्वीकृत कार्यक्रमों के लिए बीयर परोसने की अनुमति होगी।

इसमें कहा गया है, ”जब भी बीयर घर या कहीं ले जाने लिए दिया जाएगा, उस पर यह उल्लेख करना अनिवार्य होगा कि वह कबतक पीने के लिए बेहतर है यानी उसकी एक्सपायरी तारीख क्या है। नीति के अनुसार जिन होटलों और रेस्तरां के पास लाइसेंस हैं, वे टेरेस, बालकनी या खुले जगह पर शराब परोस सकते हैं। होटल और रेस्तरां में बार को तड़के तीन बजे तक कामकाज की अनुमति दी गयी है। इसमें वे होटल और रेस्तरां शामिल नहीं हैं, जिन्हें 24 घंटे शराब परोसने का लाइसेंस प्राप्त है। दिल्ली सरकार शराब की खुदरा बिक्री के नियमन, कर चोरी तथा नकली शराब पर लगाम लगाने के लिए विशेष प्रकार के लेबल, जांच टीम और अत्याधुनिक प्रयोगशाला जैसे कदम उठा रही है। नई आबकारी नीति 2021 को जून में मंजूरी दी गयी। इसे सोमवार को आबकारी विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है। नीति के अनुसार विभाग ने कर चोरी रोकने तथा आपूर्ति श्रृंखला में कालाबजारी पर अंकुश लगाने के लिए उच्च सुरक्षा विशेषताओं से युक्त आबकारी लेबल पेश किया है। इसे भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. (एसपीएमसीआईएल) ने तैयार किया है। इसे समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा।

इसमें कहा गया है, ”नये लेबल में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। इससे इसका क्लोन और नकली लेबल नहीं बनाया जा सकता है। अत: इससे कर चोरी पर लगाम लगेगा। पुन: नये बारकोड के क्रियान्वयन तक आबकारी आपूर्ति श्रृंखला सूचना प्रबंधन प्रणाली (ईएससीआईएमएस) के माध्यम से बार-कोडिंग की वर्तमान प्रणाली जारी रहेगी। नीति में यह भी कहा गया है कि खुदरा विक्रेताओं और गोदामों के संचालन की निरंतर जांच करने के लिए विशेष निरीक्षण दल स्थापित किए जाएंगे ताकि लाइसेंस से जुड़ी शर्तों का उल्लंघन नहीं हो। इसका मकसद दिल्ली में स्थापित होने वाली किसी भी दुकान में अपेक्षित गुणवत्ता मानक को बनाए रखना है। नई नीति के तहत थोक संचालन के लिए उपायुक्त स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

नीति में यह भी कहा गया है कि सभी ब्रांडों के गोदामों, खुदरा विक्रेताओं, होटल, क्लब और रेस्तरां से व्यवस्थित रूप से नमूने लेने के लिए टीम का गठन किया जाएगा। टीम की रिपोर्ट वेबसाइट पर डाली जाएगी। इसके अनुसार कोई भी लाइसेंस धारक या खुदरा दुकानदार के पास नकली शराब पायी जाती है, उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा और संबंधित कानून के अनुसार आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।

नीति दस्तावेज के अनुसार ऐसे विक्रेता को स्थायी रूप से काली सूची में डाला जाएगा और उस पर दिल्ली में दुकान चलाने पर पाबंदी होगी। साथ ही आबाकारी विभाग यह सूचना दूसरे राज्यों को भी देगा। इसमें कहा गया है कि नकली शराब की आपूर्ति एक गंभीर समस्या है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करेगी। यह प्रयोगशाला नकली शराब का पता लगाने का काम करेगा।सरकार उद्योग के साथ मिलकर सुरक्षा मानक और गतिविधियां भी तय करेगी।

दिल्ली में शराब की दुकानों की शक्ल अब बदलेगी। सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानें खुली जगह वाली होंगी, ये एयर कंडीशन युक्त होंगी, जहां धक्का- मुक्की नहीं होगी और लोग आसानी से अपनी पसंद की शराब खरीद सकेंगे। दिल्ली सरकार की सोमवार को सार्वजनिक की गयी आबकारी नीति के अनुसार देसी और विदेशी शराब की खुदरा दुकानें (एल-7वी) किसी भी बाजार, मॉल, वाणिज्यिक क्षेत्रों, स्थानीय शॉपिंग कांपेल्क्स में कहीं भी खोली जा सकती हैं। नीति के तहत दिल्ली सरकार 32 क्षेत्रों (जोन) के लिए एल-7वी लाइसेंस को लेकर निविदाएं जारी कर चुकी है। शहर इसी 32 क्षेत्र में विभाजित है।

दस्तावेज के अनुसार, ”प्रत्येक खुदरा शराब विक्रेता ग्राहकों को ऐसी सुविधाएं देगा, जिससे वे आयें और सामान लेकर आसानी से जाए। उन्हें इसी के हिसाब से दुकानों को तैयार करना होगा। अब दुकानों के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार या भीड़-भाड़ की अनुमति नहीं होगी। शराब की दुकानों को एयर कंडीशन के साथ रोशनी की अच्छी व्यवस्था और शीशे के दरवाजे रखने होंगे। वहां दुकान के बाहर और भीतर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे और एक महीने की रिकॉर्डिंग रखनी होगी। नई आबकारी नीति में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त करने वालों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी। व्यवस्था बनाए रखना, उनकी जिम्मेदारी होगी। दुकान के आसपास पूरी सुरक्षा व्यवस्था करना दुकानदार की जिम्मेदारी होगी। इसके अनुसार यदि दुकान पड़ोस के लिए ‘उपद्रव का कारण बनती है और सरकार को शिकायत मिलती है, तो उस संबंधित विक्रेता का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

प्रत्येक वार्ड में औसतन तीन खुदरा शराब दुकानों के साथ प्रत्येक जोन में कुल 27 खुदरा दुकानें होंगी। आबकारी नीति 2021- 22 के मुताबिक दिल्ली के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 272 निगम वार्डो को 30 जोन में बांटा गया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र और दिल्ली छावनी में 29 दुकानें होंगी। जबकि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शराब की 10 खुदरा दुकानें होंगी। नई आबकारी नीति आबकारी विभाग की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर आधारित है। बाद में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने उस पर अपनी रिपोर्ट दी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली मंत्रिमंडल ने इस साल 22 मार्च को हुई बैठक में आबकारी विभाग को मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को क्रियान्वित करने और उसके अनुसार 2021-22 के लिए आबकारी नीति तैयार करने को कहा था।