लखनऊ, (एजेंसी)। यूपी के लखनऊ में बड़ी आतंकी साजिश का पदार्फाश हुआ है। एटीएस और कमांडो के साथ पुलिस की सतर्कता से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। यूपी में दोनों फिदायीन हमला करने की तैयारी में थे। गिरफ्तार दोनों आतंकी अंसार गजवातुल हिंद के सदस्य हैं। पूछताछ में एटीएस को कुछ और संदिग्धों के बारे में भी जानकारी मिली है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। गिरफ्तार दोनों आतंकियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान भी बरामद हुआ है। आतंकियों से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हुए हैं। पूछताछ में पाकिस्तान कनेक्शन भी निकला है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को सूचना मिली थी कि काकोरी क्षेत्र में दुबग्गा चौराहे के पास एक घर में आतंकी सोए हुए हैं। इसके बाद एटीएस और पुलिस मौके पर पहुंच गई। साथ में कमांडो भी थे। कुछ ही देर में पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया। एटीएस ने आॅपरेशन शुरू किया। सर्च ऑपरेशन के दौरान एटीएस ने अंसार गजवातुल हिंद के दो आतंकियों को धर दबोचा। गिरफ्तार दोनों आतंकी मिनाज अहमद पुत्र सिराज अहमद निवासी रिंग रोड बगारिया जेहटा बरावन कला थाना काकोरी और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर पुत्र अमीरुद्दीन निवासी मोहिबुल्लपुर, सीतापुर रोड, थाना मड़ियाहूं हैं। गिरफ्तार आंतकवादियों के कब्जे से दो प्रेशर कुकर बम और अर्धनिर्मित बम एवं बारूद बरामद हुआ है। इसके अलावा कई असलहे भी मिले हैं।
15 अगस्त से पहले यूपी को दहलाने की साजिश रचने की घटना नाकाम हो गई है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आतंकियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि आतंकी घटनाओं का हैंडलर उमर हलमंडी है जो पाकिस्तान के पेशावर में बैठकर साजिश रच रहा है। गिरफ्तार दोनों आतंकी यूपी के कई शहरों में 15 अगस्त से पहले बड़ा धमाका करने की तैयारी में थे। वह केवल मौके की तलाश में थे, लेकिन उससे पहले ही दोनों को एटीएस ने धर दबोचा। एडीजी ने पत्रकारों को बताया कि पूछताछ के दौरान करीब 10 से 15 और लोगों के होने की सूचना मिली है जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि उनके कुछ साथी कानपुर में भी छिपे हैं। दोनों को अभी रिमांड पर भेजा गया है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
लखनऊ में गिरफ्तार दो आतंकियों से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हुए हैं। पूछताछ अभी जारी है। एडीजी लॉ एंड आॅर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि अलकायदा एक मिलीटेन्ट सुन्नी इस्लामिक मल्टीनेशनल टेररिस्ट आॅगेर्नाइजेशन है। यह संगठन 1988 में अफगान सूबियत अफगान वार के समय ओसामा बिन लादेन, अब्दुल्ला अजीज और कुछ अन्य अरब वालंटियर्स ने बनाया था। इसका इंडियन सब कन्टीनेटन माड्यून 2014 में तीन सितंबर को तत्कालीन अलकायदा चीफ अल्जवाहरी के द्वारा एनाउंस किया गया था। उस समय इसका चीफा मौलाना असीम उमर थे और यह व्यक्ति संभल यूपी से जुड़ा था। असीम उमर यूएस अफगान आॅपरेशन में 23 सितंबर 2019 को यह मारा गया था। उसके बाद से इस अलकायदा का यूपी माड्यूल उमर हलमंडी नाम के व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था। उमर हलमंडी पाकिस्तान में बैठकर सारी साजिशें रच रहा है। सारी गतिविधियां वहीं से संचालित हो रही हैं।
आतंकी धमाकों के लिए उमर हलमंडी द्वारा भारत मे अलकायदा इंडियंस आॅफ कान्टीनेन्ट मॉडयूल के संगठन में सदस्यों की भर्ती तथा उन्हें रेडक्लाइज करने का काम किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत उमर हलमंडी ने कुछ जिहादी प्रवृत्ति के लोगों को लखनऊ में चिन्हित किया और अलकायदा के मॉड्यूल को खड़ा किया है। यह मॉड्यूल अंसार गजवातुल हिंद अलकायदा का संघ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है। इस मॉड्यूल के जरिए गिरफ्तार दोनों आतंकी हलमंडी के निर्देश पर अन्य साथियों की सहायता से यूपी के कई शहरों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और प्रमुख इमारतों में विस्फोट करने की तैयारी में थे।


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