मेरठ, (एजेंसी)। सरकार ने हस्तिनापुर के लोगों की सालों से चली आ रही मांग को मंजूर करते हुए पांडव टीले पर खुदाई का कार्य शुरू करा दिया है। टीम द्वारा पांडव टीले पर मौजूद अवशेषों को निखारने व आसपास नए अवशेषों को तलाशने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। सोमवार को कई प्राचीन अवशेष नजर आए। पांडव टीला जल्द ही आइकोनिक साइट के रूप में देखने को मिल सकता है। इसके लिए एएसआई द्वारा तैयारी पूर्ण कर ली गई है। आपको बता दें कि गत फरवरी में तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पांडव टीले का निरीक्षण किया था। उन्होंने पांडव टीले को आइकोनिक साइट में विकसित करने की बात कही थी। इसी कड़ी में एएसआइ टीम द्वारा पांडव टीले पर सोमवार से कार्य प्रारंभ कर दिया गया।
मेरठ की प्राचीन ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर स्थित पांडव टीला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत संरक्षित है। इसमें महाभारत कालीन अवशेष व कई कालों के रहस्य दफन हैं। समय-समय पर टीले से पौराणिक अवशेष मिलते रहते हैं। इन अवशेषों को एएसआइ कार्यालय पर तैनात कर्मचारी संरक्षित कर लेते हैं। इन सभी तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए सोमवार से एएसआइ की टीम ने यहां कई स्थानों पर पहले से मौजूद पौराणिक अवशेषों को तराशने व नए अवशेषों को तलाशने का कार्य प्रारंभ किया । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद् डीबी गणनायक ने बताया कि मेरठ सर्किल के अंतर्गत सभी उपमंडल कार्यालयों से कर्मचारियों को बुलाया गया है, जो सोमवार से कार्य कि प्रगति देखेंगे।
उन्होंने बताया कि फिलहाल पांडव टीले के तीन स्थान जयंती माता मठ, राजा रघुनाथ महल व अमृत कूप के समीप कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंने बताया कि टीले पर पहले से मौजूद पुरातात्विक महत्व वाले स्थानों को निखारा जाएगा और उसके इर्द-गिर्द सफाई की जाएगी। इसके अलावा इन स्थानों पर महत्ता दशार्ने वाले साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे। इससे पांडव टीले पर आने वाले पर्यटक हमारी प्राचीन धरोहरों को विस्तार व सुगमता से जान सकेंगे।


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