राष्ट्रनायक न्यूज।
भारत और श्रीलंका के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज की शुरूआत 13 जुलाई से होनी थी। लेकिन कोरोना के प्रकोप की वजह से सीरीज कुछ दिन और आगे टल गया और अब यह सीरीज 18 जुलाई से शुरू होगी। इस सीरीज के लिए एक नई टीम इंडिया श्रीलंका पहुंची है। इस टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रिषभ पंत जैसे स्टार खिलाड़ी नहीं है। इस टीम की अगुवाई शिखर धवन के हाथों में है वहीं इस नई-नवेली टीम में 6 ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने आज तक भारत की जर्सी नहीं पहनी है। इस टीम के साथ राहुल द्रविड़ जैसा दिग्गज कोच के रूप में मौजूद है जिसने पिछले कई वर्षों से भारतीय क्रिकेट के नींव को मजबूत किया है। राहुल द्रविड़ और शिखर धवन इस नई टीम इंडिया की वो डोर है जो बाकी सभी खिलाड़ी को बांधे रखेंगे और इस सीरीज से भारतीय क्रिकेट के सुनहरे भविष्य का पहला अध्याय लिखेंगे।
द्रविड़-धवन की जोड़ी करेगी कमाल: राहुल द्रविड़ ने पहले एक खिलाड़ी के रूप में भारत को देश विदेश में गर्व महसूस कराया उसके बाद जब से उन्होंने इंडिया ए और इंडिया अंडर-19 टीम के कोच के रूप में कमान संभाली भारतीय क्रिकेट दिन दुनी रात चौगुनी उन्नति ही करता गया। राहुल द्रविड़ का अंदाज ही युवा खिलाड़ियों में जान भरने के लिए काफी है। द्रविड़ का खेल के प्रति समर्पण देखकर हर युवा खिलाड़ी प्रभावित हो जाता है। इसके साथ ही शिखर धवन की बात की जाएं तो साल 2012 में आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने के बाद से ही धवन टीम इंडिया का मुख्य हिस्सा बन गए। धवन इस टीम में भुवनेश्वर कुमार के साथ सबसे सीनियर खिलाड़ियों में शुमार है। इसके साथ धवन के उपर कप्तान बनने की जिम्मेदारी आ गई है और उन्हें अपने पहली परीक्षा में जरूर पास होना है। ऐसे में धवन और द्रविड़ के लिए ये सीरीज काफी अहम रहने वाली है। एक तरफ जहां धवन के लिए पहली बार कप्तान बन सीरीज जिताना महत्तवपूर्ण होगा वहीं राहुल द्रविड़ भी पहली बार सीनियर टीम के कोच बन जीत का सौभाग्य प्राप्त करना चाहेंगे।
श्रीलंका में होगी भारतीय क्रिकेट के भविष्य की खोज: श्रीलंका दौरे पर एक ऐसी टीम इंडिया गई है जहां कई युवा खिलाड़ी मौजूद है। इन खिलाड़ियों के आंखों में भारत के लिए आने वाले समय में लगातार खेलते रहने का सपना है। यह युवा खिलाड़ी घरेलू और आईपीएल में अपने आपको साबित कर आए है और अब इनकी बारी इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने नाम का डंका बजाने पर है। किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए पहली बार टीम इंडिया के लिए मैच या सीरीज खेलना बेहद ही नर्वस वाला मौका होता है। इस टीम में ऋतुराज गायकवाड़, देवदत्त पड्डिक्ल, नीतीश राणा, चेतन सकारिया सहित ना जाने कितने खिलाड़ी है जिन्हें भारतीय टीम के लिए अपने डेब्यू का इंतजार है। ऐसे में अगर इस सीरीज में मौका मिलने पर यह खिलाड़ी कोई गलती ना करें और मौके को अच्छे से भुनाएं इसमें राहुल द्रविड़ का बड़ा योगदान होगा। क्योंकि इस सीरीज के आधार पर कई खिलाड़ी ऐसे होंगे जो आने वाले समय में भारतीय टीम में अपनी दावेदारी और ज्यादा मजबूत करेंगे।
कई खिलाड़ियों का कॅरियर पटरी पर लाएंगे राहुल द्रविड़: राहुल द्रविड़ के इस सीरीज में कोच पद की भूमिका निभाने से कई खिलाड़ियों का बेड़ा पार लग सकता है। अगर इस सीरीज में पृथ्वी शॉ, हार्दिक पांड्या और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों पर नजर डाली जाएं तो पता लगता है कि वो अपने इंटरनेशनल करियर में संघर्ष के दौर से गुजर रहे है। हार्दिक पांड्या जहां गेंदबाजी ना करने की वजह से और फिटनेस को लेकर रडार पर है वहीं पृथ्वी शॉ का कभी खराब फॉर्म तो कभी गैरअनुशासित होना उन्हें टीम से बाहर करने की वजह बन जाता है। इसके अलावा कुलदीप यादव जहां एक समय भारत के मुख्य गेंदबाज बन गए थे वहीं पिछले दो सालों में धीरे-धीरे वो टीम इंडिया के हर प्रारूप की टीम से बाहर हो रहे है और वह मौका मिलने पर अपना दम दिखाने के लिए बेकरार है। ऐसे में राहुल द्रविड़ का अनुभव और अनुशासन इन खिलाड़ियों के काम आ सकता है। जहां वो हार्दिक पांड्या को इंटरनेशनल लेवल पर खेल में सामंजस्य और फिटनेस बनाने का फामूर्ला दे सकते है वहीं पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपने आपको संभालने की टिप्स दे सकते हैं। वहीं कुलदीप यादव को द्रविड़ अपने अनुभव से यह बता सकते है कि कैसे उनके करियर में जब ऐसे मौके आए थे कि वो टीम से बाहर होने वाले थे और उनका प्रदर्शन नीचे गिर रहा था। उस दौरान उन्होंने अपने आपको कैसे संभाला और फिर से शानदार वापसी कर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की की। ऐसे में द्रविड़ का होना इस दौरे पर इन तीन खिलाड़ियों के लिए सौभाग्य की बात साबित हो सकती है।
वर्ल्ड कप की प्लेइंग 11 में जगह पक्की करने पर होगी धवन की नजरें: पिछले दो सालों में केएल राहुल और रोहित शर्मा भारत की टी 20 टीम में मुख्य ओपनर बनते नजर आ रहे थे। शिखर धवन चोट की वजह से 2019 और 2020 के शुरूआती महीनों में जूझते रहे। जिसकी वजह से इन दो खिलाड़ियों ने टी-20 क्रिकेट में एक ओपनर के रूप में अपनी जगह स्थापित की। रोहित शर्मा का तो चलो ठीक है लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा केएल राहुल ने उठाया। ऐसे में धवन ने पिछले साल यूएई में हुए आईपीएल में 600 से उपर रन ठोककर टीम इंडिया के लिए टी-20 प्रारूप में वापसी का दरवाजा खटखटाया उसके बाद इस साल आईपीएल के पहले हिस्से में भी गब्बर ने शानदार बैटिंग की। ऐसे में धवन इस दौरे पर ढेर सारे रन बनाकर यूएई में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में अपनी जगह मजबूत करना चाहेंगे। क्योंकि धवन को भी पता है कि अगर वो यहां चूक गए तो आगे का सफर मुश्किल हो सकता है।
आयशा आलम


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