राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

केंद्र के रुख से बिहार को लगा झटका, नहीं होगी जाति आधारित जनगणना, राजनीति शुरू

नई दिल्ली, (एजेंसी)। जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार की दो प्रमुख दल राजद और जदयू की राय लगभग एक जैसी है। यह दोनों दल लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं। दोनों दलों का कहना है कि जनगणना में जाति का कॉलम अवश्य ही होना चाहिए। इन सब के बीच केंद्र सरकार के फैसले के बाद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी दल राजद को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने साफ कह दिया है कि देश में जाति आधारित जनगणना नहीं कराई जाएगी। लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्र सरकार की ओर से ये बातें कही गई। सरकार के इस फैसले के बाद राजद और जदयू की ओर से लंबे समय से की जा रही इस मांग को करारा झटका लगा है। आजादी के बाद से कुछ दल लगातार जाति आधारित जनगणना की वकालत करते रहें हैं। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा था कि आबादी के हिसाब से अगर जाति की गणना होती है तो इससे पता चलेगा कि किस जाति को कितनी सुविधा दी जानी है। लेकिन फिलहाल केंद्र सरकार के फैसले से अति आधारित जनगणना पर झटका लगा है।

सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं करने का फैसला किया है। लोकसभा में यह जानकारी दी गयी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा और विधानसभाओं में जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और ओडिशा की सरकारों ने आगामी जनगणना में जातीय विवरण एकत्रित करने का अनुरोध किया है। भारत सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं होगी।

केंद्र द्वारा संसद में ‘ केवल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों’ की गणना का प्रस्ताव होने सबंधी जानकारी देने के एक दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने उसी तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)की आबादी की भी गणना कराने की मांग की है। इस संबंध में जदयू के ससंदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की ओर से बयान जारी किया गया। उन्होंने न्यायपालिका में भी आरक्षण की मांग की है। नीतीश कुमार के धुर विरोधी और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद भी इस मुद्दे पर जदयू के विचार से सहमत है। हालांकि, जदयू का इस मुद्दे पर रुख केंद्र और राज्य में सहयोगी भाजपा के साथ एक और वैचारिक मतभेद को इंगित करता है। भाजपा को बड़ी संख्या में अगड़ी जातियों का समर्थन मिलता है।

इस मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार के दोनों सदनों में इखढ जातीय जनगणना का समर्थन करती है लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान कराती है। केंद्र सरकार डइउ की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती? इखढ को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है? कुत्ता-बिल्ली,हाथी-घोड़ा,शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है। कौन किस धर्म का है,उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित,उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है? उनकी जनगणना के लिए फॉर्म में महज एक कॉलम जोड़ना है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के लिए हमारे दल ने लंबी लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे।यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फीसदी से अधिक वंचित, उपेक्षित, उपहासित, प्रताड़ित वर्गों के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। भाजपा सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या वो हिंदू नहीं है?”

You may have missed