नई दिल्ली, (एजेंसी)। विदेशी टीकों के आयात से भारत के टीकाकरण अभियान की धीमी रफ्तार को जुलाई और अगस्त माह में थोड़ी तेजी मिलने की संभावना के बीच एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन को भारत में जल्द-से-जल्द मंजूरी दिलवाने के लिए दिए आवेदन को वापस ले लिया है। भारतीय दवा नियामक ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, कंपनी ने यह आवेदन वापस लेने के पीछे अभी तक कोई कारण नहीं बताया है।
अमेरिकी कंपनी ने इसी साल अप्रैल में अपनी कोविड-19 वैक्सीन के भारत में ट्रायल के लिए आवेदन दिया था। हालांकि, उस समय खून के थक्के बनने की शिकायतों के बाद अमेरिका में इसका ट्रायल बंद था। जॉनसन कंपनी ने यह आवेदन ऐसे समय में वापस लिया है जब भारत पहले ही नुकसान की भरपाई से छूट जैसे कुछ मुद्दों पर विदेशी वैक्सीन निमार्ताओं के साथ कानूनी मामले सुलझाने में जुटा हुआ है।
बीते हफ्ते ही स्वास्थ्य एवं परिवारण कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि वैक्सीन निमार्ताओं के साथ सभी मुद्दे सुलझाने के लिए एक टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा था कि यह टीम फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के साथ लगातार कई मुद्दों पर चर्चा कर रही है। जॉनसन एंड जॉनसन और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आॅर्गनाइजेशन ने फिलहाल इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। बता दें कि भारत ने जून माह में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।


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