पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के 11 सांसदों ने जाति आधारित गणना की मांग को लेकर अपने नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार को दिल्ली में मुलाकात की। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था। पार्टी ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने से संबंधित कानूनों को लागू करने जैसे कदमों के खिलाफ भी बात की। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हम लोगों की मांग शुरू से रही है जाति आधरित जनगणना की और बिहार की विधानसभा ने दो बार 1919 और 2019 में और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजा है। उसमें हमारी पार्टी भी रही और बीजेपी भी और राजद भी। पहले हमने पीएम मोदी से समय मांगा था तो उनके यहां से सूचना आई कि गृहमंत्री से मिलकर ज्ञापन दें। हमारे लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उनसे मिले हैं। गृहमंत्री ने कहा है कि इस पर चर्चा करेंगे।
वहीं पटना में मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या राज्य सरकार अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराएगी तो उन्होंने कहा कि यह विकल्प हमेशा खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि हम आज ही जातीय जनगणना को लेकर फिर आग्रह करेंगे। करना ना करना केंद्र के ऊपर है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की जातीय जनगणना से समाज में तनाव फैलेगा, यह बिल्कुल गलत बात है। इससे सबको खुशी होगी। पीएम मैटेरियल के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी मेरी कोई इच्छा आकांक्षा नहीं है। पार्टी के लोग हैं, जो इस पर कुछ बोलते हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही लोकसभा में एक सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि 2021 की जनगणना में केंद्र सरकार केवल एससी/ एसटी की ही गिनती कराने के पक्ष में है। हालांकि नीतीश कुमार, लालू यादव, शरद पवार, मुलायम सिंह यादव जैसे नेता हमेशा से जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं, जिनमें ओबीसी की भी गिनती हो।


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