राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए विपक्षी नेता, कृषि मंत्री बोले- मान न मान, मैं तेरा मेहमान

नई दिल्ली, (एजेंसी)। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेताओं का विरोध प्रदर्शन लगातार 8 महीने से जारी है। दिल्ली के अलग-अलग के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसान नेता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 11 दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल सका है। किसान आंदोलन के जरिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश लगातार जारी है। इन सब के बीच आज विपक्ष के कई नेता जंतर मंतर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इसी को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तंज कैसा है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान यूनियन के लोग किसी राजनीतिक दल के लोगों को नहीं बुलाना चाहते हैं। ये तो ऐसी परिस्थिति हो गई कि ‘मान न मान, मैं तेरा मेहमान’। नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात को भी दोहराया कि सरकार दोनों सदनों में कृषि पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार दोनों सदनों में कृषि पर चर्चा करने के लिए तैयार है, अगर प्रतिपक्ष के लोगों के मन में किसानों के लिए थोड़ी भी? चिंता है तो प्रतिपक्ष चर्चा क्यों नहीं कर रहा है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को दोपहर में यहां जंतर-मंतर पहुंच कर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की। राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता संसद से एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘किसान संसद’ का आयोजन किए हुए हैं। किसान संगठनों की मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है।