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जब इंदिरा के सामने रामविलास पासवान ने राहुल गांधी को बताया था ‘बच्चों का नेता’

नई दिल्ली, (एजेंसी)। 1984 के आम चुनाव से पहले सदन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही थी। लोकदल (क) की तरफ से रामविलास पासवान को बोलने के लिए अधिकृत किया गया था। उन्होंने उस समय के लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ से चर्चा के लिए अंतिम समय में होलेने के लिए मौका देने का अनुरोध किया। उनके इस अनुरोध को स्वीकर कर लिया गया। अपने भाषण के दौरान रामविलास पासवान ने संसद में गांधी-नेहरू परिवार को जमकर लपेटा। उन्होंने कहा, ‘इंदिरा जी जब झंडा फहरा रहीं थीं तो वह कह रही थीं कि उनका पूरा परिवार देश के लिए समर्पित रहा है। यह सच भी है।’ पासवान अपना भाषण जारी रखते हुए आगे कहते हैं, ‘संसद के बाहर नारा लगता है। देश की नेता इंदिरा गांधी। युवा के नेता राजीव गांधी। महिलाओं की नेता मेनका गांधी और बच्चों के नेता राहुल गांधी। भाड़ में जाएं महात्मा गांधी।’

रामविलास पासवान की यह बात सुनते ही इंदिरा गांधी काफी गुस्से में आ गईं। इंदिरा अपनी सीट पर खड़ी होती हैं और गुस्से में कहती हैं, ‘पासवान जी इवेन यू डिड नॉट स्पेयर माई ग्रैंडचिल्ड्रेन।’ अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर रामविलास बोलते हैं, ‘मैडम, आपका नाती कोई मामूली बच्चा नहीं है।’ रामविलास पासवान की इस भाषण का जिक्र उनकी जीवनी (रामविलास पासवान- संकल्प, साहस और संघर्ष) में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रदीप श्रीवास्तव ने किया है। इसका प्रकाशन पेंगुइन(हिंद पॉकेट बुक्स) ने किया है। इस किताब में रामविलास पासवान के जीवन से जुड़े कई किस्सों का शामिल किया गया है। बिहार के एक छोटे से गांव शाहरबन्नी से लेकर दिल्ली के विभिन्न मंत्रालयों में बतौर कैबिनेट मंत्री के उनके सफर के बारे में बताया गया है।

उस दिन चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंह हुई। इसमें सरकार की जीत हुई। देर रात तक लोकसभ चलने के कारण संसद भवन की पहली मंजिल पर डिनर का आयोजन किया गया था। कार्यवाही स्थगित होने के बाद रामविलास पासवान कुछ सांसदों के साथ संसद के गलियारे में खड़े थे। तभी अचानक हमेशा की तरह तेज चाल में इंदिरा गांधी वहां से गुजरती हैं।

प्रधानमंत्री को आता देख रामविलास और उनके साथ खड़े सभी सांसद साइड हो जाते हैं। इंदिरा गांधी जब पासवान के पास आती हैं तो वह रुक जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘आइए, चलिए। कहां जा रहे हैं?’ पासवान ने पीएम से कहा कि वह घर जा रहे हैं। कुछ मेहमान आए हैं। इंदिरा हंसते हुए रामविलास पासवान का हाथ पकड़कर डिनर के लिए चलने के लिए कहते हैं और बोलती हैं, ‘चलिए, पहले खाना खा लीजिए। खाएंगे नहीं तो गाली देने में मजा कैसे आएगा।’ रामविलास पासवान के पास कोई चारा नहीं बचा था। वह उनके साथ डिनर के लिए चल दिए। उनकी जीवनी के अनुसार, रामविलास पासवान की जो धारणा इंदिरा गांधी को लेकर थी, वह इस घटना के बाद से बदल गई। वह उनके इस व्यवहार से चकित भी हो गए थे।

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