राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

ऐसा लगता है भारत ने अपनी अफगान नीति का ठेका अमेरिका को दे दिया है

राष्ट्रनायक न्यूज।
यह खुशी की बात है कि अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी हो रही है। भारत सरकार की नींद देर से खुली लेकिन अब वह काफी मुस्तैदी दिखा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन प्रशंसनीय है कि अफगानिस्तान के हिंदू और सिख तथा अफगान भाई-बहनों का भारत में स्वागत है। यह कहकर उन्होंने सीएए कानून को नई ऊंचाईयाँ प्रदान कर दी हैं। लेकिन भारत सरकार अब भी असमंजस में है। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। भारत सरकार की अफगान नीति वे मंत्री और अफसर बना रहे हैं, जिन्हें अफगानिस्तान के बारे में मोटे-मोटे तथ्य भी पता नहीं हैं।

हमारे विदेश मंत्री इस समय न्यूयार्क में बैठे हैं और ऐसा लगता है कि हमारी सरकार ने अपनी अफगान-नीति का ठेका अमेरिकी सरकार को दे दिया है। वह तो हाथ पर हाथ धरे बैठी है। भारत अफगानिस्तान का पड़ौसी है और उसने वहां 3 बिलियन डॉलर खर्च भी किए हैं, इसके बावजूद काबुल की नई सरकार बनवाने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला भारत के मित्र हैं। वे तालिबान से बात करके काबुल में संयुक्त सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं और पाकिस्तान इस मामले में तगड़ी पहल कर रहा है लेकिन भारत ने अपने संपूर्ण दूतावास को दिल्ली बुला लिया है।

मोदी सरकार के पास कोई ऐसा नेता या अफसर या बुद्धिजीवी नहीं है, जो काबुल के कोहराम को शांत करने में कोई भूमिका अदा करे और एक संयुक्त सरकार खड़ी करने में मदद करे। तालिबान से सभी प्रमुख राष्ट्रों ने खुले और सीधे संवाद बना रखे हैं लेकिन भारत अब भी बगलें झांक रहा है। उसकी यह अपंगता काबुल में चीन और पाकिस्तान को जबर्दस्त मजबूती प्रदान करेगी। भारत अपनी 25 साल पुरानी मांद में खरार्टे खींच रहा है। सरकार को पता ही नहीं है कि पिछले 25 साल में तालिबान कितना बदल चुके हैं। पहली बात तो यह कि उनके बीच नई पीढ़ी के नौजवान आ चुके हैं, जो पश्चिमी जीवन-पद्धति और आधुनिकता से परिचित हैं। दूसरी बात यह कि उनके प्रवक्ता ने आधिकारिक घोषणा की है कि अफगान महिलाओं के साथ वैसी ज्यादतियां नहीं की जाएंगी, जैसे पहले की गई थीं और उनकी सरकार सर्वहितकारी व सर्वसमावेशी होगी।

तीसरी बात यह है कि सिख गुरुद्वारे में जाकर तालिबान नेताओं ने हिंदू और सिखों को सुरक्षा का वचन दिया है। चौथी, सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि उन्होंने कई बार दोहराया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और भारत ने अफगानिस्तान में जो नव-निर्माण किया है, उसके लिए तालिबान उनके आभारी हैं। उनके प्रवक्ता ने यह भी भरोसा दिलाया है कि किसी भी देश को वे यह सुविधा नहीं देंगे कि वह किसी अन्य देश के विरुद्ध अफगान भूमि का इस्तेमाल कर सके। याने न तो भारत पाकिस्तान के और न ही पाकिस्तान भारत के विरुद्ध अफगानों के जरिए आतंक फैला सकेगा। यदि तालिबान सरकार अपने पुराने ढर्रे पर चलने लगे तो भारत को उसका विरोध करने से किसने रोका है?

-डॉ. वेदप्रताप वैदिक

You may have missed