पटना: बिहार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर माननीय मंत्री व विधायकों के चुनाव क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। सरकारी कार्यक्रमों के तहत वे सिर्फ शहरी क्षेत्रों या क्षेत्रीय सरकारी कार्यालयों तक ही जा सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के तहत माननीयों के चुनाव क्षेत्रों में जाने को लेकर कई प्रतिबंध लगाये हैं।
आयोग के अनुसार केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा की जाने वाली सरकारी यात्रा और चुनावी यात्रा बिल्कुल अलग -अलग होगी। दोनों यात्राओं को एक साथ नहीं किया जाएगा। ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जब केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के मंत्री जिला मुख्यालय या क्षेत्रीयस्तर के अन्य कार्यालयों तक सरकारी कार्यों के सिलसिले में दौरे पर जाने के लिए सरकारी वाहनों उपयोग करते हों और उसके बाद चुनाव कार्य के लिए स्थानीय दौरा किसी निजी वाहन से करते हों, तो पूरे दौरे को चुनाव कार्य हेतु माना जायेगा। अर्थात किसी भी परिस्थिति में सरकारी यात्रा तथा चुनाव कार्य के लिए यात्रा एक साथ करने के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग नही किया जा सकता।
आयोग के अनुसार केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक किसी प्रत्याशी या मतदाता या प्राधिकृत अभिकर्ता (एजेंट) के रूप में अपनी हैसियत के सिवाय मतदान केंद्र अथवा मतगणना स्थल पर प्रवेश नहीं करेंगे। हालांकि बतौर मतदाता मतदान के लिए जाने के लिए सुरक्षा हेतु प्रतिनियुक्त सरकारी शस्त्र बल का वे इस्तेमाल करेंगे। लेकिन ये सशस्त्र बल मतदान केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे। मंत्री, सांसद या विधायक शासन, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्ति, जो किसी उम्मीदवार के पक्ष में वोटों को प्रभावित करे, ऐसा नहीं करेंगे।


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