पटना: रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पर कब्जे की लड़ाई में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने एलजेपी के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है। यह चुनाव चिह्न फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान किसी गुट को नहीं मिलेगा। दोनों ओर से इसके लिए दावे किये गए थे। चुनाव आयोग का कहना है कि पशुपति पारस या चिराग दोनों गुटों में से किसी को भी लोजपा के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नए नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं।
पशुपति पारस ने लोकसभा में खुद को संसदीय दल का नेता घोषित कराने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर अपने आपको अध्यक्ष भी घोषित किया हुआ है। बावजूद इसके चुनाव आयोग से एलजेपी का नाम और चुनाव चिह्न नहीं मिलना उनके लिए बड़ा झटका है। चुनाव आयोग में सबसे पहले पारस की तरफ से ही नाम पर चिह्न पर दावा किया गया था। पशुपति पारस गुट की तरफ से किए गए तमाम फैसलों की जानकारी चुनाव आयोग को दी गई थी।
एलजेपी में विवाद के बाद पारस से पहले चिराग पासवान चुनाव आयोग पहुंचे थे। उन्होंने आयोग से कहा था कि अगर किसी की तरफ से एलजेपी पर दावा किया जाता है तो उसे प्रथम दृष्टया खारिज किया जाए। अगर कोई फैसला भी करना है तो पहले चिराग पासवान का पक्ष सुना जाए। एलजेपी के 6 सांसदों में से 5 ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर लोकसभा में संसदीय दल के नेता के तौर पर पशुपति कुमार पारस के चयन का दावा कर दिया था। इसे स्पीकर की भी मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा पारस गुट ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करके खुद को पार्टी का अध्यक्ष भी बनवा लिया। वहीं, चिराग पासवान ने भी एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाकर पारस गुट के फैसलों को पार्टी विरोधी गतिविधि बताकर खारिज कर दिया था।


More Stories
कार्यपालक सहायकों को जुमला दिखाकर ठग रही बीपीएसएम, कार्यपालक सहायकों ने कहा- मांगें पुरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
कार्यपालक सहायकों ने राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को ले शहर में निकला कैंडल मार्च, नीतीश सरकर के खिलाफ की नारेबाजी
कार्यपालक सहायकों ने दूसरे दिन भी कार्यपालक सहायकों ने काला पट्टी बांधकर किया कार्य, आंदेलन को सामाजिक व राजनैतिक दलों का मिल रहा समर्थन, कहा- कार्यपालक सहायकों की मांगें जायज, सरकार जल्द पूरी करें मांग