नई दिल्ली, (एजेंसी)। पूरे देश में मंहगाई और खासकर पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से आम जनता परेशान हैं। इन सब के बीच लोगों के मन में बस एक ही सवाल है कि क्या ये मंहगाई कभी खत्म होने वाली नहीं है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं। लगातार बढ़ती तेल की कीमतों के बीच बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। एक ऐसी मशीन जिससे प्लास्टिक के जरिये पेट्रोल-डीजल निकलता है। जी हां, ये कोई मजाक नहीं बल्कि सच है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक ऐसी मशीन लगी है जिसमें कचरा डालने से पेट्रोल निकलता है। यहां महज 6 रुपए के कचरे से 79 रुपए कीमत की पेट्रोल-डीजल बनाई जा रही है।
मंत्री ने प्लांट में तैयार दस लीटर डीजल खरीदा: बिहार के मुजफ्फरपुर के युवाओं ने एक अनोखी पहल की है। इस मशीन को मुजफ्फरपुर के कुढ़नी के खरौना में लगाया गया है। प्लास्टिक कचरे से फ्यूल यानि पेट्रोल-डीजल बनाने वाली यूनिट का उद्घाटन बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने किया है। आम लोगों को इसके प्रति जागरूक और आकर्षित करने के लिए मंत्री ने इस प्लांट में तैयार दस लीटर डीजल भी खरीद लिया। इस दौरान लोगों की काफी भीड़ भी देखने को मिली।
कैसे बनेगा कचरे से पेट्रोल-डीजल: मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट के नजदीक खरौना में आशुतोष मंगलम और उनके दोस्तों के द्वारा इस प्रोजेक्ट को लगाया जा रहा है। इस प्लान को ग्रैविटी एग्रो एंड एनर्जी नाम दिया गया है। रिसर्च करके आशुतोष मंगलम ने प्लास्टिक को गला कर पेट्रोल बनाने का कार्य किया है। बताया जा रहा है कि इस प्लांट से प्रतिदिन 150 लीटर डीजल या 130 लीटर पेट्रोल हर रोज तैयार किया जाएगा। इसके लिए 200 किलों कचड़े की खपत होगी। पेट्रोल डीजल बनाने की प्रकिया में सबसे पहले कचरे को ब्यूटेन में बदला जाता है। इसके बाद ब्यूटेन को आइसो ऑक्टेन में बदला जाता है। फिर मशीन से अलग-अलग दबाव और तापमान से आइसो ऑक्टेन को डीजल या पेट्रोल में बदल दिया जाता है।
देहरादून में हुआ रिसर्च: देहरादून के इंडियन इंस्चयूट ऑफ पेट्रोलियम की ओर से डीजल और पेट्रोल का ट्रायल किया जा चुका है जो सफल भी रहा था। यहां हुए रिसर्च में येबात सामने आई थी कि डीजल और पेट्रोल में अधिक ऑक्टन वैल्यू होने से इसका माइलेज अधिक पाया गया है।


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