DU में पहली दलित समाज का प्रोफेसर बना हिन्दी का विभागाध्यक्ष
अनुसूचित जाति समुदाय यानी दलित/बहुजन के समाज के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के शिक्षक प्रो. श्योराज सिंह बेचैन को विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर बेचैन को दो मार्च को इस पद पर नियुक्त किया गया। प्रो. बेचैन ने तीन मार्च को पदभार ग्रहण कर लिया। 1949 में स्थापित दिल्ली विश्वविद्यायल के 70 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वंचित समाज के किसी प्रोफेसर को हिन्दी विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लेकिन जातिवाद के कारण प्रोफेसर बेचैन को इस पद तक पुहंचने के लिए छह महीन तक इंतजार करना पड़ा।
दरअसल पूर्व विभागाध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वरिष्ठताक्रम में प्रो. श्योराज सिंह बेचैन सबसे ऊपर थे। और नियम के मुताबिक उन्हें 13 सितंबर 2019 को विभागाध्यक्ष का पद मिलना था। लेकिन उनकी नियुक्ति को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने कोई आदेश जारी नहीं किया और मामले को अटकाए रखा। मामला फंसने की वजह सवर्ण समाज का एक अन्य शिक्षक था, जिसने अध्यक्ष पद पर अपना दावा ठोक दिया था। सत्ताधारी दल से निकटता के कारण सरकार के भीतर के कई लोग सवर्ण शिक्षक को हिन्दी विभाग का अध्यक्ष बनाने की कोशिश में जुटे रहे। दूसरी ओर बहुजन समाज के शिक्षकों ने भी मोर्चा खोल दिया और प्रोफेसर बैचेन को नियुक्त करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। आखिरकार दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रोफेसर बेचैन की नियुक्ति अध्यक्ष पद पर कर दी। उनकी नियुक्ति से बहुजन समाज के शिक्षकों में काफी उत्साह है।


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