डीबीएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल ने सीजेएम कोर्ट में कराया जेपीविवि के रजिस्ट्रार पर 33 लाख अवैध निकासी के मुकदमा
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
गड़खा (सारण)। प्रखण्ड रामपुर स्थित देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री कॉलेज के आंतरिक खाता से 33 लाख अवैध निकासी के सबंन्ध में प्रभारी प्राचार्य निरंजन कुमार ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री कृष्ण और अर्जुन प्रसाद यादव पर छपरा सीजीएम कोर्ट में मुकदमा दायर करवाया।जिसमें कहाकि 9 सितम्बर 2014 से प्रभारी प्राचार्य पद पर पदस्थापित हूं। 27 फरवरी को अर्जुन प्रसाद यादव द्वारा जेपी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को अपने प्रभाव में करके गलत एवं गैर कानूनी ढंग से खुद को प्रभारी प्राचार्य होने का पत्र निर्गत करवा लिया एवं हाई कोर्ट पटना के सी डब्ल्यू जे सी न. 15 91/16 के न्यायादेश किसी व्यक्ति द्वारा कोई निकासी नही करने के आदेश अवमानना करते हुए कॉलेज के इलाहाबाद बैंक के खाते से 33 लाख रुपए की अवैध निकासी अपने लोगों के विभिन्न खातों में करवा लिया गया। जबकि अर्जुन प्रसाद यादव को 7 करोड़ रुपए के गबन के आरोप में शासी निकाय द्वारा बर्खास्त किया गया। जिसका जय प्रकाश विश्वविद्यालय ने अनुमोदन भी कर चुका है। जिसके बाद श्री यादव न्यायालय मुन्सिफ़ द्वितीय में 94/2014 दायर किया।ने 23 जून 2015 को उनका केस खारिज कर दिया।उसके बाद 36/2016 भी खारिज हो गई।अर्जुन प्रसाद यादव द्वारा जालसाजी कर हाई कोर्ट पटना में भी 15340/2019 खुद को प्राचार्य बना दायर किया।जिसमे निरंजन कुमार ने भी प्रभारी प्राचार्य के रूप में शपथ पत्र के साथ अपना पक्ष रखा जिसके बाद अर्जुन प्रसाद यादव ने अपनी केस वापस ले लिया और मुकदमा कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई।33 लाख की वैध निकासी के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए गड़खा थाना में आवेदन दिया गया परंतु पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं किया।बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के धारा 57 ए और 69(2) के अनुसार विवि रजिस्ट्रार को प्रभारी प्राचार्य शिक्षक आदि की नियुक्ति निलंबन बर्खास्तगी करने की अधिकार नही हैं।उक्त कार्य कॉलेज के शासी निकाय द्वारा की जाती हैं।प्राचार्य निरंजन कुमार आरोप लगाया कि एक बड़े राजनेता के दबाब में कुलसचिव राज्य सरकार के दिशा निर्देश का उल्लंघन करते हुए अपने ऐक्छित लोगों के नाम पर वेतन मद की राशि का निकासी कर कॉलेज का बन्दरबाँट कर लिया।


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