राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

समाज का साथ और मजबूत इच्छा शक्ति से कोरोना पर विजय पाना है संभव

समाज का साथ और मजबूत इच्छा शक्ति से कोरोना पर विजय पाना है संभव

  • वार्ड प्रार्षद व उनका परिवार आ गया था संक्रमण के प्रभाव में, सतर्कता से कोरोना को दी मात
  • मां, पत्नी और बेटा-बेटी सहित सभी ने होम आइसोलेशन में रहते हुए दी संक्रमण को मात
  • स्वास्थ्य होने तक समाज और दोस्तों का मिलता रहा सहयोग, खानापान का रखा ख्याल
  • स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराई मेडिकल किट, फोन से लगातार रहे संपर्क में

पूर्णियाँ। कोविड-19 के दौर में कुछ ऐसे भी परिवार हैं जो हमारे समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं। आज जब संक्रमण का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, तो ऐसे में सकारात्मक सोंच और सुरक्षा के नियमों को अपनाकर लोग इसे भी मात दे रहे हैं। एक ऐसा ही परिवार है पूर्णिया के खुश्कीबाग स्थित कारगिल चौक निवासी अमित कुमार का, जो स्थानीय वार्ड नंबर 41 के वार्ड पार्षद भी हैं। जनसेवा के कार्यों से लगातार नाता रहा है। मां, पत्नी और बेटा-बेटी सहित परिवार में पांच लोग हैं। वार्ड पार्षद अमित कुमार भी संक्रमण के प्रभाव में आ गए और एक-एक कर इनका पूरा परिवार भी संक्रमण की चपेट में आ गया था हालांकि इस दौरान परिवार का कोई भी सदस्य भय ग्रस्त नहीं हुआ। वे सभी होम आइसोलेशन में रहते हुए, डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के लगातार संपर्क में रहे। आज कोरोना से उबरे हुए उनसभी को लगभग डेढ़ महीने हो गए. अभी इनका पूरा परिवार स्वास्थ्य है और आम जीवनशैली में लौट चुका है।


सर्दी-खांसी, सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी थे लक्षण:

परिवार के मुखिया अमित कुमार बताते हैं कि शुरुआत के दिनों (आठ जुलाई) में उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या रही। उन्हें लगा की यह आम फ्लू है। लेकिन परेशानी बढ़ने और परिवार के लोगों के कहने पर उन्होंने जांच करायी, तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तुरंत घर में अलग व्यवस्था कर होम आइसोलेशन में चले गए तथा घर वालों की तत्काल जांच कराई। तो पत्नी के भी संक्रमण के प्रभाव में आने का पता चला। इसी तरह माताजी और दोनों बच्चों की रिपोर्ट भी आई। जिसके बाद परिवार के सभी सदस्यों उचित दूरी बनाते हुए होम आइसोलेशन में रहे व चिकित्सकीय सहायता लेते हुए संक्रमण को मात दी। संक्रमण काल में परिवार को स्वास्थ्य विभाग का पूरा साथ मिला। घर पर दवा व किट उपलब्ध करायी गई। घरेलू उपचार और सतर्कता के नियमों को बताया गया। साथ ही समय-समय पर फोन के माध्यम से विभाग द्वारा परिवार के स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहा गया।

होम आइसोलेशन में रहते हुए 65 वर्षीय माताजी को मिली मानसिक मजबूती:

अमित कुमार कहते हैं कि परिवार से दूरी और समाज द्वारा भेदभाव बीमार लोगों में नकारात्मक भाव पैदा करता है। इससे उपचाराधीन सदस्यों को इससे उबरने में समस्या होती हैं। कई बार स्वस्थ हो जाने पर भी वे मानसिक स्तर पर बीमार रहते हैं। उनकी 65 वर्षीय माताजी भी संक्रमण के प्रभाव में आईं, लेकिन घर में आइसोलेशन में रहते हुए भी परिवार और समाज के सकारात्मक व्यवहार से उन्हें तनावमुक्त रहने में मदद मिली। साथ ही परिवार के लोगों की संवेदनाएं उन्हें बेहतर और आरामदेह स्थिति में होने का आभास कराती रहीं। परिवार के सकारात्मक सहयोग से उन्हें मानसिक रूप से मजबूत मिलती रहने में सफलता मिली और आज वे पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

दोस्तों और समाज के लोगों का मिला अच्छा साथ:

जागरूक समाज में रहने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वे हर स्थिति में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। अमित कुमार के परिवार को भी समाज का बेहतर रूप से साथ मिला। जब ये संक्रमित हुए तो इनके और इनके बच्चों के खाने-पीने का ख्याल इनके मित्रों और आसपास के लोगों ने रखा और उस दौरान उनके दरवाजे तक खाना भेजते रहे। इस दौरान सभी ने शरीरिक दूरी के साथ-साथ स्वच्छता का भी खयाल रखा। वार्ड पार्षद अमित कुमार ने भी लगातार फोन के माध्यम से उनसभी लोगों से वार्तालाप कर हालचाल लेते रहे जो संक्रमित होने से पूर्व उनके संपर्क में आए थे। होम आइसोलेशन में होने के दौरान ही उन्हें आसपास के इलाके के कुछ अन्य लोगों के भी संक्रमित होने की सूचना मिली। उन्होंने बताया क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। सजगता और सतर्कता का पालन करते हुए अब उस क्षेत्र के सभी लोग संक्रमण को मात दे चुके हैं। जरूरी जांच और सतर्कता देखते हुए प्रशासन द्वारा जल्द ही उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किया जा सकता है।

हौसले व संकल्प की ताकत से महामारी पर काबू पाया जा सकता है:

अमित कुमार बताते हैं कि संक्रमण के दौर में आसपास के लोगों ने हिम्मत बढ़ाई, जिससे उन्हें और उनके परिवार को काफी मानसिक मजबूती मिली। साथ ही उनके परिवार के सदस्यों ने खुद में विश्वास रखा तो संक्रमण का डर खत्म हो गया। उन लोगों ने आइसोलेशन में रहने के दौरान इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए जरूरी उपाय किए, जैसे- गर्म पानी का लगातार सेवन और समय पर भोजन करना, चिकित्सक की बताई दवा के साथ अन्य जरूरी सूचना का ध्यान रखना, बार-बार स्वयं को सैनिटाइज करते रहना, इत्यादि। उन्होंने कहा कि हौसले व संकल्प की ताकत से इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है। मजबूत इच्छा शक्ति से कोरोना पर विजय संभव है।

शारीरिक दूरी, मास्क और स्वच्छता का रखें विशेष ख्याल:

अमित कुमार ने कहा कि शुरुआती दौर में किसी को भी यह ठीक से पता नहीं था कि कोरोना संक्रमण से बचने का सही तरीका क्या होना चाहिए। लेकिन अब तक के अनुभवों से यह जरूर निकल कर सामने आया है कि यह उतना घातक नहीं है। आज बड़ी संख्या में लोग ठीक हो रहे हैं। बस जरूरत है धैर्य रखते हुए सुरक्षा के नियमों का सही से पालन करने की। इस वक्त सभी लोगों को घर में भी शारीरिक दूरी, मास्क और स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए। तभी ही संक्रमण हमारे परिवार और समाज से दूर हो सकेगा और हम स्वच्छ भारत का निर्माण कर सकेंगे।