बिहार मंत्रिमंडल विस्तार: मछली-भात खाकर ही जाइएगा…
- राजभवन में ताजपोशी की धूम तो बाहर में उमड़ा समर्थकों का हुजूम
पटना। बिहार राजभवन और उसके बाहर का राजेंद्र गोलंबर मंगलवार को एक बार फिर मंत्रियों की शपथ और उनके समर्थकों के उत्साह का गवाह बना। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 12.30 बजे से होना था, पर 11 बजे से ही वहां एनडीए के नेता और समर्थक पहुंचने लगे थे। सुबह से ही सुरक्षा के चाक-चौबंध व्यवस्था थी। जो भी पुहंच रहे थे, उनमें अधिकांश के हाथों में फूलों का माला अथवा गुलदस्ता था। तय समय के अनुसार जब राजभवन के राजेंद्र मंडल में राष्ट्रगान की धून के साथ शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ, तबतक बाहर में समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था। राजभवन के अंदर जाने के लिए पास होना जरूरी था। ऐसे में सभी बाहर की अपने मंत्री की ताजपोशी का इंतजार करते रहे। राजभवन के बाहर नेताओं और समर्थकों की भीड़ 11 बजे से शुरू हुई तो वह अपराह्न तीन बजे तक जमी रही। हाथों में माला और गुलदस्ता लिये घंटों समर्थक अपने नेता के इंतजार में खड़े रहे। शपथ लेने वालों में सबसे पहले राजभवन से बाहर आए भाजपा के सम्राट चौधरी। मंत्री पैदल ही राजभवन से बाहर निकले। जैसे ही वे बाहर निकले उनके समर्थकों ने जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू किये। इसके बाद अपने मंत्री को माला पहनाने और गुलदस्ता देने की होड़ लग गई। आलम यह था कि एक ही साथ दो-तीन माला उनगे गले में समर्थक डाल रहे थे। इसके बाद नये मंत्रियों के बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। दूसरे मंत्री भाजपा के ही नितिन नवीन थे, जो राजभवन से बाहर निकले। एक-एक अन्य मंत्री भी निकले। सभी नये मंत्रियों का स्वागत उनके समर्थकों ने पूरे उत्साह से किया। इतने माला मंत्री को समर्थकों ने पहनाया कि उनकी गर्दन ही नहीं दिख रही थी। जिंदाबाद के नारे से काफी देर तक पूरा परिसर गूंज रहा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराह्न 2.17 बजे राजभवन से बाहर निकले। इसके पहले अधिकांश मंत्री बाहर आ चुके थे। खुशी का माहौल हो और भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं रहे यह कैसे हो सकता है। मंत्रियों के स्वागत में आये नेता-समर्थकों के लिए नास्ता और भोजन की भी व्यवस्था अलग-अलग जगहों पर थी। अपने नेता के समर्थन में पुहंचे समर्थकों के लिए कार्यकतार्ओं ने ही भोजन की व्यवस्था कर रखी थी। मंत्री मदन सहनी के एक समर्थक दीपक निषाद अपने लोगों से कह रहे थे कि बिना भोजन किये नहीं जाना है। आपलोगों के लिए मछली-भात की व्यवस्था हमने कर रखी है।


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