सम्राट चौधरी तीसरी बार बने बिहार के मंत्री, कैबिनेट के अनुभवी सदस्यों में हैं शामिल
पटना। नीतीश मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में भाजपा कोटे के नौ मंत्रियों में से एक सम्राट चौधरी ने तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है। उनका राजनीतिक सफर करीब 32 साल पुराना है। उनके पास सरकार में रहने का भी अनुभव है। वह नीतीश सरकार के अनुभवी सदस्यों में से एक होंगे। सीएम नीतीश ने अपनी कैबिनेट में इस विस्तार के जरिए युवा चेहरों के साथ अनुभवी नेताओं को शामिल कर एक प्रकार का संतुलन साधने की कोशिश की है। सम्राट को राजनीति विरासत में मिली है। 16 नवम्बर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में जन्मे सम्राट को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता शकुनी चौधरी सात बार विधायक और सांसद रह चुके हैं और माता पार्वती देवी तारापुर से विधायक रह चुकी हैं। विद्यालय जीवन के बाद सम्राट ने मदुरई कामराज विश्वविद्यालय से पी. एफ. सी. की पढाई की है। सम्राट ने 2007 में ममता चौधरी से विवाह किया। इस दंपती की दो सन्तान हैं-प्रणय प्रियम चौधरी और चारू प्रिया। सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह 1999 में कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री रह चुके हैं।
सम्राट चौधरी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए थे। 19 मई 1999 को उन्होंने बिहार सरकार में कृषि मंत्री के पद की शपथ ली। सन 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए। 2010 में उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बनाया गया था। 2 जून 2014 को बिहार सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार संभाला था। 2018 में भारतीय जनता पार्टी में उन्हें बिहार प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्तमान में श्री सम्राट चौधरी भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद के सदस्य हैं और अशोक एस फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक भी हैं।


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