राष्ट्रनायक न्यूज

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पांच राज्यों के क्या हैं चुनावी मूड, बंगाल और असम पर सबसे ज्यादा निगाहें

राष्ट्रनायक न्यूज। इस साल पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यह राज्य हैं असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल। पश्चिम बंगाल में जहां भाजपा को सत्ता में आने की चुनौती है वहीं, असम में उसे अपनी सत्ता बचानी है। दक्षिण भारत में कांग्रेस के लिए केरल में इस बार सत्ता में आना एक बड़ी चुनौती है। तो वही लेफ्ट पार्टी को अपने एकमात्र गढ़ को बचाना भी जरूरी है। पुडुचेरी में ताजा राजनीतिक हालात को देखते हुए चुनाव बेहद जरूरी है। वहीं, जयललिता और करुणानिधि की अनुपस्थिति में इस बार तमिलनाडु में एआईएडीएमके और डीएमके आमने-सामने होंगी। प्रभासाक्षी के सप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने इसी बात पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में हमारे साथ मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे।

पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने सत्ताधारी दल के कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद केंद्र शासित प्रदेश की सरकार को 22 फरवरी को सदन में अपना बहुमत साबित करने को कहा। सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या घटकर 14 रह गई है। केंद्र शासित प्रदेश के 33 सदस्यीय सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या 14-14 है, जिनमें भाजपा के तीन मनोनीत विधायक भी शामिल हैं। पांच सीटें फिलहाल खाली हैं। कांग्रेस के अपने विधायकों की संख्या 10 है जबकि उसके सहयोगी द्रमुक के तीन विधायक हैं। सरकार को एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है। उपराज्यपाल के सचिवालय की तरफ से यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता और एआईएनआरसी प्रमुख एन रंगास्वामी इस बात पर जोर दे रहे थे कि सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए जिसके बाद सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को यह निर्देश दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री के ‘दीदी-भतीजा’ कटाक्ष को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को चुनौती दी कि अमित शाह पहले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं और फिर उनसे लड़ने की सोचें। दक्षिण 24 परगना जिले के पाइलान में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि अभिषेक यदि चाहते तो वह राज्यसभा सदस्य बनकर सांसद बनने का आसान रास्ता चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जनादेश प्राप्त किया। बनर्जी ने कहा, ‘‘दिन-रात वह दीदी-भतीजे के बारे में बात कर रहे हैं। मैं अमित शाह को चुनौती देती हूं कि वह पहले अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ें और फिर मुझसे।’’

पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार पर ‘‘कट मनी और गिरोह संस्कृति’’ शुरू करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सत्ता में आने पर भाजपा चक्रवात ‘अम्फान’ राहत कोष में गबन की जांच कराएगी और दोषियों को जेल भेजेगी। शाह ने कहा कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री को बदलने के लिए नहीं बल्कि घुसपैठ को बंद करने तथा पश्चिम बंगाल को एक विकसित राज्य में परिवर्तित करने की है। उन्होंने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘परिवर्तन यात्रा मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को बदलने के लिए नहीं है। यह तो घुसपैठ को बंद करने तथा बंगाल का कायाकल्प करने के लिए है। आप भाजपा को वोट तो करो, अवैध प्रवासी तो क्या, सीमापार से एक पंछी को भी राज्य में घुसने की इजाजत नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की लड़ाई बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की है। यह लड़ाई बूथ स्तर के हमारे कार्यकर्ता और तृणमूल कांग्रेस के गिरोह के बीच है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हुआ हमला एक साजिश का हिस्सा था और कुछ लोग उन पर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए ‘‘दबाव’’ बना रहे थे। इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने इस मामले में एनआईए जांच की मांग की। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निमटीटा रेलवे स्टेशन पर अज्ञात हमलावरों द्वारा बुधवार की रात बम से किए गए हमले में राज्य के मंत्री जाकिर हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वह एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हैं। हुसैन से मिलने अस्पताल पहुंचीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे पर भी निशाना साधा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुला दिए जाने के बहुत प्रयास किए गए लेकिन उनकी देशभक्ति और शहादत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। बंगाल के क्रांतिकारियों के सम्मान में यहां स्थित नेशनल लाइब्रेरी में आयोजित ‘‘शौर्यांजलि’’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने युवाओं से स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और संघर्ष से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत प्रयास किए गए कि सुभाष बाबू को भुला दिया जाए, परन्तु कोई कितना भी प्रयास करे, उनका कर्तव्य, देशभक्ति और उनका सर्वोच्च बलिदान पीढ़ियों तक भारत वासियों के जहन में जस का तस रहने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू को देश की जनता इतने वर्ष के बाद भी उतने ही प्यार और सम्मान से याद करती है जितना उनके जीवित रहने और संघर्ष के दौरान करती थी।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा मानहानि का मामला दर्ज कराए जाने के बीच भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि यह इस बात का इशारा है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी शाह के चुनाव प्रचार से ‘‘असहज’’ हो गई है। भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस शाह और भाजपा के अन्य नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार करने से रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा,‘‘ यह दशार्ता है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व भाजपा और मुख्य रूप से अमित शाह के प्रचार से असहज हो गया है और यही कारण है कि वे उन्हें और भाजपा के अन्य नेताओं को प्रचार करने से रोकने के लिए लगातार भटकाव की रणनीति अपना रहे हैं।’’

भारतीय जनता पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘मेट्रो मेन’’ ई श्रीधरन केरल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल होंगे। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने बताया कि श्रीधरन 21 फरवरी को कासरगोड़ से पार्टी की ‘‘विजय यात्रा’’ शुरू होने के दौरान भगवा दल में शामिल होंगे। श्रीधरन को देश में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में बदलाव का श्रेय दिया जाता है। सुरेंद्रन ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीधरन ने भाजपा के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की थी। श्रीधरन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के छह हजार करोड़ रुपये के पेट्रो-रसायन परिसर को देश के नाम समर्पित किया। इसके अलावा उन्होंने विलिंग्डन द्वीप के अंतदेर्शीय जलमार्ग के लिये रो-रो (रोल-आन, रोल-आफ) पोप सुविधा का भी उद्धाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर कहा कि इन परियोजनाओं से भारत की आर्थिक वृद्धि को शक्ति मिलेगी। मोदी ने केरल की एक संक्षिप्त यात्रा के दौरान कोचीन बंदरगाह न्यास के अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल और कोचीन शिपयार्ड के विज्ञान सागर परिसर का भी उद्घाटन भी किया। यह परिसर मरीन (सागरीय) इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान का परिसर है।

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को असम को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी और कहा कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर के इस राज्य को नजरअंदाज करने की ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ को ना सिर्फ सुधार रही है, बल्कि तेज गति से उसके विकास के लिए प्रतिबद्ध भी है। इस अवसर पर मोदी ने यह भी कहा कि बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘‘गुलामी के कालखंड में भी असम देश के सम्पन्न और अधिक राजस्व देने वाले राज्यों में से था। संपर्क का जाल असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। आजादी के बाद इस अवसंरचना को आधुनिक बनाना जरूरी था, लेकिन इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया। जल मार्ग पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इतिहास में की गई ‘‘गलतियों’’ को सुधारने की शुरूआत की थी, अब उनका ना सिर्फ विस्तार किया जा रहा है बल्कि उन्हें और गति दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अब हमारी प्राथमिकता में भी है और इसके लिए सरकार दिन रात एक कर रही है।’’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को 100 से अधिक सीट मिलेंगी। बघेल ने शुक्रवार को असम से लौटने के बाद यहां स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से कहा कि असम में लोग परिवर्तन चाहते हैं और कांग्रेस कार्यकतार्ओं में भारी उत्साह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन 100 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगा।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को जोर दिया कि असम में सत्ता विरोधी लहर नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और सतत विकास कार्यों के चलते सबार्नंद सोनोवाल सरकार के पक्ष में लहर चल रही है। बारपेटा में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि असम की सोनोवाल सरकार ने हिंसा एवं उग्रवाद को समाप्त किया है और राज्य में पिछले पांच वर्षों में गोलीबारी और धमाके जैसी कोई घटना नहीं हुई है।

असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक साल पहले प्रदेश भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास को सूचित किया था कि वह 2021 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर पार्टी उन्हें मार्च-अप्रैल में होने वाले चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारने का फैसला करती है तो वह इस फैसले का सम्मान करेंगे। भाजपा नेता ने चुनाव लड़ने की अनिच्छा का कारण नहीं बताया। सरमा ने कहा, ‘‘एक फरवरी 2020 को अपने जन्मदिन पर मैंने रंजीत दास को पत्र देकर कहा था कि मैं 2021 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता। इसकी जानकारी अब तक मेरी पत्नी, बेटे या परिवार के किसी सदस्य को नहीं है। मैं इसे पहली बार सार्वजनिक कर रहा हूं।’’

भाजपा और आरएसएस पर असम को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी असम समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और अगर राज्य में सत्ता में आती है तो कभी भी संशोधित नागरिकता कानून लागू नहीं करेगी। विधानसभा चुनाव से पहले गांधी ने असम में अपनी पहली रैली में कहा कि राज्य को ‘‘अपने मुख्यमंत्री’’ की जरूरत है जो लोगों की आवाज सुने, न कि एक ऐसा मुख्यमंत्री जो नागपुर और दिल्ली की आवाज सुने। उन्होंने कहा, ‘‘असम समझौते से शांति आई है और यह राज्य का रक्षक है। मैं और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेंगे। इससे बिल्कुल नहीं भटकेंगे।’’ गांधी ने कहा कि असम में अवैध आव्रजन एक मुद्दा है और विश्वास जताया कि राज्य के लोगों में वार्ता के माध्यम से मुद्दे के समाधान की क्षमता है। असम समझौते के मुद्दे पर भाजपा और आरएसएस पर राज्य को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर असम बंटता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि असम के लोग और शेष भारत प्रभावित होंगे।’’ विवादास्पद सीएए के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो किसी भी स्थिति में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा। गांधी सहित पार्टी के सभी नेता ‘गमछा’ पहने हुए थे, जिसपर सांकेतिक रूप से ‘सीएए’ शब्द को काटते हुए दिखाया गया, जो विवादास्पद कानून के खिलाफ एक संदेश था।

एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को ‘असम का दुश्मन’ करार देते हुए असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह भारतीय एवं असमी संस्कृति की रक्षा के लिए चरमपंथी हैं। पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए)के समन्वयक सरमा ने अजमल पर असम की संस्कृति के विपरीत काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह तबतकपहचान की राजनीति की बात करते रहेंगे जबतक लोकसभा सदस्य एवं विपक्षी नेता राजनीति परिदृश्य में रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ इस धरती पर भारतीय एवं असमी संस्कृति की रक्षा के लिए मैं चरमपंथी हूं। अगर किसी ने मुझे यह तमगा दिया है तो कृपया कर मेरा आभार एवं धन्यवाद उन लोगों तक पहुंचा दें।’’

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