संजय सिंह सेंगर की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
तरैया (सारण)। जिला के मढ़ौरा में वर्षो से बंद पड़े चीनी मिल के वजह से बेरोजगार हुए मजदूर कि स्थिति एवं कई प्रखंडों के किसानों द्वारा गन्ने की खेती बंद किए जाने एवं मजदूरों एवं किसानों के बकाए के भुगतान को लेकर तरैया विधायक सह बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के उप मुख्यसचेतक जनक सिंह ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया जिसका जवाब बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार द्वारा दिया गया। 22 फरवरी सोमवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र में विधायक श्री सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए सदन में यह प्रश्न रखा था कि क्या यह सही है की मढ़ौरा में 1904 में स्थापित हुए कानपुर सूगर वर्क्स किस चीनी मिल के बंद हो जाने के कारण मढ़ौरा, पानापुर, ईशुआपुर, तरैया, मसरख, बनियापुर, अमनौर, मकेर परसा, दरियापुर एवं नगरा प्रखंडों के गांव में गन्ना की खेती बंद हो गई है?
वही दूसरे प्रश्न के रूप में उन्होंने पूछा था कि क्या यह बात सही है कि इन प्रखंडों के सैकड़ों गांवों के किसानों एवं मजदूरों के करीब बीस करोड़ से अधिक की राशि बकाया है? तीसरे पूरक प्रश्न के रूप में उन्होंने पूछा था कि सरकार उक्त चीनी मिल द्वारा किसानों मजदूरों की बकाया राशि का भुगतान कब तक करने का विचार रखती है?
श्री सिंह के प्रश्नों के जवाब में बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि सारण जिला अंतर्गत कानपुर शुगर वर्क्स मढ़ौरा भारत सरकार कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम है जो ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन ग्रुप की एक इकाई है एवं वर्ष 1996-97 से रुग्न होकर बंद है और मढ़ौरा पानापुर तरैया मसरख इत्यादि क्षेत्र के गन्ने का निष्पादन मगध सूगर एंड एनर्जी लिमिटेड की इकाई भारत सुगर मिल सिधवलिया गोपालगंज द्वारा किया जाता है।
वहीं किसानों एवं मजदूरों के बकाया भुगतान के विषय में मंत्री ने सदन में बताया कि मढ़ौरा चीनी मिल पर गन्ना किसानों का लगभग 4 करोड़ 64 लाख रुपए बकाया है एवं यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल कोलकाता बेंच कोलकाता में लंबित है। आगे मजदूरों के बकाए के संबंध में जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला श्रम संसाधन विभाग से संबंधित है और मजदूरों के बकाए के भुगतान हेतु श्रम संसाधन विभाग को विभागीय पत्रांक 260 दिनांक 9 2021 द्वारा निर्देशित किया गया है।
ज्ञातव्य हो कि सारण जिले के कई प्रखंडों के परिवारों के लिए रोजी-रोटी का जरिया रहे मढ़ौरा के चीनी मिल समेत अन्य मिलो के बंद होने से क्षेत्र के लोगों को काफी मायूसी का सामना करना पड़ा है और क्षेत्र के किसानों एवं मजदूरों के करोड़ो रुपए बकाया है ऐसे में श्री सिंह द्वारा विधानसभा के सदन में इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद क्षेत्र के किसानों व मजदूरों मैं अपना भुगतान पाने को लेकर आस लगी है वही उनके द्वारा उठाए गए जनहित के इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र के लोग इसे सराहनीय कदम बताते हुए उनकी प्रशंसा करते दिखे।


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