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अच्छी खबर! बिहार के सभी कमिश्नरी में पटना की तर्ज पर बनेंगे अंरराज्यीय बस टर्मिनल

पटना (बिहार)। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को दूसरी पाली में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 19 हजार 370.0325 करोड़ के विनियोग विधेयक को मंजूरी मिल गई। उपमुख्यमंत्री सह वित्त और नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इसे सदन के पटल पर रखा। राजद की ओर से समीर महासेठ ने 10 रुपये कटौती का प्रस्ताव रखा जिसे वाद-विवाद के बाद बहुमत के आधार पर खारिज करते हुए विधेयक पारित हो गया। इसी के साथ द्वितीय अनुपूरक में नगर विकास एवं आवास विभाग के बजट पर सदन में चर्चा हुई जबकि 50 अन्य विभागों के बजट प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मंजूरी दे दी गई।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी प्रमंडलों में पटना की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाए जाएंगे। सभी सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय, स्नानागार, पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। कुछ जगह ग्रीनफील्ड टाउनशिप योजना भी प्रस्तावित है। पटना के अलावा बेगूसराय, भागलपुर, आरा, बक्सर, छपरा, हाजीपुर आदि जिलों में रिवर फ्रंट परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के तहत हर शहर को पांच साल में एक हजार करोड़ की राशि आवंटित होगी। इसमें केन्द्र और राज्य की 50-50 प्रतिशत भागीदारी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय सुविधाओं के विकास के लिए चालू वित्तीय वर्ष में सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है। इनको पूरे करने के लिए इस धनराशि की जरूरत है। उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग का 2379 करोड़ 48 लाख 09 हजार का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। विभाग से जुड़ी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत दो कॉरिडोर के स्टेशनों और डिपो के लिए जमीन अधिग्रहण करने को 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि 96 नगर निकायों में सम्राट अशोक भवन स्वीकृत किए जा चुके हैं। बाकी निकायों में यह प्रक्रियाधीन है। 106 नगर निकायों में स्ट्रीट लाइटें लगनी हैं। 83 में लगाई जा चुकी हैं। अब तक 38 बस स्टैंड की स्वीकृत योजनाओं में से 28 बन गए हैं। दरभंगा शहर के नौ और मुजफ्फरपुर के तीन तालाबों की उड़ाही की जाएगी। सभी शहरी निकायों में रेहड़ी-फेरीवालों के लिए वेंडिंग जोन बनाए जाने हैं। अब तक 13 नगर निकायों से प्राप्त 56 वेंडिंग जोन प्रस्तावों में से 24 को स्वीकृति दी जा चुकी है। फुटपाथी दुकानदारों को चार वेंडिग जोन में जगह भी दे दी गई है।
पटना को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिये 22 स्थानों पर नए ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वहीं पुराने पंपिंग स्टेशनों की क्षमता वृद्धि की जा रही है। नाला निर्माण, सीवरेज व अन्य सेनीटेशन योजना के लिए 135 करोड़ के अतिरिक्त खर्च का प्रस्ताव है। उपमुख्यमंत्री ने भविष्य की योजनाएं बताते हुए कहा कि राज्य के शहरों में रह रहे बेघर और भूमिहीन गरीब लोगों को बहुमंजिला भवन बनाकर आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सभी शहरों और महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम का निर्माण कराया जाएगा। छठ पूजा के लिए सभी प्रमुख सार्वजनिक तालाबों और नदी घाटों पर सीढ़ी घाट तथा वस्त्र प्रक्षालन केंद्र बनाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय औसत 31.2 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से बिहार में शहरीकरण महज 11.3 प्रतिशत है। सरकार ने नए निकायों के गठन और उत्क्रमण को मंजूरी दी है। निकायों की संख्या 142 से बढ़कर अब 258 हो जाएगी। शहरी आबादी भी एक करोड़ 13 लाख से बढ़कर 1.59 करोड़ हो जाएगी। जबकि शहरीकरण का आंकड़ा भी 15.28 प्रतिशत हो जाएगा।
एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान ने कहा कि सरकार की नियोजित विकास की जगह टैक्स बढ़ाने की है। इसी कारण कृषि बहुल इलाकों को भी शहरी निकाय के रूप में अधिसूचित किया गया है। वहीं राजद के समीर कुमार महासेठ, रामानुज प्रसाद, कुमार सर्वजीत, मंजू अग्रवाल, कांग्रेस के संतोष मिश्रा अजीत शर्मा, माले के सुदामा प्रसाद, सीपीएम के अजय कुमार और सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने निकायों में चल रही विभिन्न योजनाओं की खामियां गिनाईं। कहा कि शहरों में नियोजित विकास नहीं कराया जा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से उपलब्धियां गिनाने वालों में संजय सरावगी, गुंजेश्वर शाह, विजय कुमार खेमका, प्रफुल्ल कुमार मांझी और राणा रंधीर शामिल थे।