बेगूसराय (बिहार)। बेगूसराय विवाह को एक नए जीवन की शुरूआत माना जाता है और आम तौर पर गुण यानी अष्टकूट मिलान से विवाह की संभावनाओं का आकलन कर लिया जाता है। हालांकि देश में कोरोना संक्रमण के चलते किए गए लॉकडाउन ने आम जिंदगी को अस्त व्यस्त कर दिया है। लॉकडाउन के चलते शादी जैसे जरूरी कामों को भी स्थगित/करना पड़ रहा है लेकिन बिहार बेगूसराय के शिवम कुमार 23 साल का युवक लॉकडाउन के बावजूद अपनी दुल्हन को घर लाने में सफल हो गया है हालांकि दुनियाभर में शादी की न जाने कितनी परम्परा और रस्में निभाई जाती है। हर धर्म और हर समाज का अपना अपना रिवाज होता है। इन रस्मों से गुजरने के बाद ही विवाह संपूर्ण होता है/ हालांकि गुण मिलान में अष्टकूट यानी वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी का मिलान किया जाता है। इसमें सभी 8 श्रेणियों को 1 से 8 तक गुण दिए गए हैं। इनके आधार पर 36 गुण होते हैं। आम तौर पर 24 या उससे ज्यादा गुण मिलना शुभ माना जाता है। हालांकि सवाल उठता है कि क्या जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना, जिससे एक पूरी भावी पीढ़ी की नींव रखी जाती है।
चलिए हम बात कर रहे हैंबिहार बेगूसराय जिले के वीरपुर प्रखंड के रहने वाला लड़का शिवम कुमार लड़की मनीषा कुमारी दोनों लड़का और लड़की अपना वादा निभा ली है /लड़की का घर है नीमा चांदपुरा जबकि दोनों का शादी 21 फरवरी को हो गई है लड़का शिवम कुमार ने कहा हम दोनों एक दूसरे को 2 बरस से एक दूजे को पहचानते हैं लॉक डाउन होने की वजह से दोनों के संबंध में थोड़ा उठापटक हुआ लेकिन लड़का और लड़की ने दोनों ने कसम खाई थी/मनीषा ने बोली जब भी हम शादी करेंगे तो शिवम ही से करेंगे और लड़का ने कहा/ जब मैं शादी करूंगा तो मनीषा से ही करूंगा आज दोनों अपना वादा पूरा कर ली है/हालांकि मांगलिक दोष: इन 36 गुणों के अलावा कुंडली में मांगलिक दोष पर भी विचार किया जाता है। यूं तो कुंडली में मांगलिक दोष होना आम बात है, लेकिन कुछ भावों में मंगल की उपस्थिति के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुंडली में मांगलिक दोष निरस्त होने के कई योग हो सकते हैं।लग्न, सूर्य और चंद्र: गुण मिलान के अलावा संभावित वर और वधू की कुंडलियों की लग्न भी देखी जाती हैं। परस्पर सामंजस्य के लिए उनके लग्नेश आपस में मित्र होने चाहिए, शत्रु नहीं।
इसके अलावा अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए सूर्य और चंद्र का विस्तार से विश्लेषण किया जाना चाहिए। प्रथम भाव: यह भाव व्यक्ति के स्वभाव और व्यक्तित्व के बारे में बताता है। पहले भाव के अध्ययन से पता चलता है कि क्या लड़का और लड़की एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चल पाएंगे।सातवां भाव: यह वैवाहिक सुख, जीवन साथी का भाव है। दोनों की कुंडली में यह भाव पीड़ित नहीं होना चाहिए। इससे उनका सुखद वैवाहिक जीवन सुनिश्चित होगा। आठवां भाव: यह चरित्र और जीवन साथी की संपत्ति का भाव है। सुखद वैवाहिक जीवन के लिए अच्छे चरित्र का होना जरूरी है। 12वां भाव: यह खर्च का भाव है। यदि लड़का और लड़की दोनों को ज्यादा खर्च करने की आदत होगी तो मुश्किल वक्त के लिए उनके पास कोई पैसा नहीं बचेगा। ऐसे में कम से कम एक को बचत की आदत होनी चाहिए।
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