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संदिग्ध कार के मालिक मनसुख की मर्डर मिस्ट्री, किस पुलिस अधिकारी का नाम लेकर बीजेपी ने सवाल उठाए?

नई दिल्ली, (एजेंसी)। मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली गाड़ी की साजिश किसने रची? कौन था इस सब का मास्टमाइंड ये गुत्थी दिनों-दिन और उलझती जा रही है। जिस गाड़ी में विस्फोटक रखा गया था उसके मालिक मनसुख हिरेन की लाश मिलने से हड़कंप हो गया है। सुसाइड और मर्डर पर बड़ा सस्पेंस है। इन सब के बीच बड़ा खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। इस लेटर में मनसुख ने पुलिस और जांच एजेंसी पर जांच के नाम पर परेशान करने का आरोप लगाया था। मनसुख ने ये पत्र सीएम के साथ ही गृह मंत्री और मुंबई के पुलिस कमिश्नर को भी लिखा था। मनसुख ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की थी। शुक्रवार सुबह मनसुख की डेड बॉडी पुणे के में मिली, उनके मुंह में पांच रूमाल ठूंसे गए थे। पुलिस सुसाइड के एंगल से भी जांच कर रही है। लेकिन पत्नी का दावा है कि मनसुख की हत्या की गई।
मुख्यमंत्री को लिखे लेटर में क्या था?

25 फरवरी से 1 मार्च के बीच मुझसे कई बार पूछताछ की गई है। बार-बार थाने बुलाया गया और बार-बार एक ही सवाल पूछा गया। इस तरह की जांच ने मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर दिया। पीड़ित होने के बावजूद मेरे साथ आरोपी जैसा बर्ताव किया जा रहा है। दोषियों के बारे में जानकारी न होने के बाद भी प्रताड़ित किया गया। मैंने पुलिस को सबकुछ बता दिया मेरी गाड़ी कैसे चोरी हुई। उसके बाद भी मेरे और मेरे परिवार का मानसिक शोषण किया गया। मेरी गुजारिश है कि आप इस मामले में दखल दें। मेरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराएं और ये सिलसिला बंद हो।

बीजेपी ने एनाईए जांच की मांग की: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक इस तरह के गंभीर मामले की जांच एनआईए को सौंपी जानी चाहिए। जांच के दौरान किसी भी मौत का हो जाना संदेह पैदा करता है। देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूरे मामले में जब मनसुख ही इकलौता हाई प्रोफाइल चेहरा था फिर उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। इसके साथ ही फडणवीस ने दावा किया कि गाड़ी खराब होने से पहले मनसुख मुंबई पुलिस के संपर्क में था। मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाजे से मनसुख की कई बार बात हुई थी। फडणवीस ने दावा किया ये बातचीत गाड़ी चोरी होने से पहले हुई थी। मनसुख ने गाड़ी चोरी होने की शिकायत निक्रोली थाने में दर्ज कराई। लेकिन विक्रोली थाने से निकलकर वो क्राफर्ड मार्केट गए थे। जहां मुंबई पुलिस का मुख्यालय है और सचिन वाजे मुख्यालय में ही पोस्टेड थे। फडणवीस ने सचिन वाजे का नाम लेकर ये सवाल विधानसभा में भी उठाया और पूछा कि इस मामले की जांच शुरूआत में ही सचिन वाजे को सौंपी गई थी। फिर 8 दिन बाद ही सचिन को जांच से क्यों हटाया गया। फडणवीस से मांग उठाई है कि मनसुख हिरेन क्राफर्ड मार्केट में किससे मिला। फडणवीस से ये भी पूछा कि सचिन वाजे सबसे पहले घटनास्थल पर कैसे पहुंचे? धमकी भरा पत्र भी उन्हें क्यों मिला?

एटीएस ने शुरू की जांच: महाराष्ट्र सरकार ने पूरे मामले की जांच राज्य के एटीएस को सौंप दी है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारण का पता चलेगा। पूरी जांच की जिÞम्मेदारी हमने एटीएस को दी है। जिसके बाद मनसुख केस की जांच अब एटीएस ने शुरू कर दी है। एटीएस की टीम उस जगह पर भी पहुंची जहां मनसुख का शव मिला था। एटीएस ने घटनास्थल का मुआयना भी किया।
सच्चाई का पदार्फाश करना एमवीए सरकार के लिए आवश्यक: शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ‘‘छवि’’ और ‘‘प्रतिष्ठा’’ के लिए जरूरी है कि हीरेन मनसुख की रहस्यमय मौत से पर्दा उठे। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत ‘‘निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण’’ है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल अंबानी के आवास के पास विस्फोटक रखने में किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या। मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गृह विभाग को जल्द से जल्द सच्चाई का पता लगाना चाहिए। यह महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि के लिए महत्वपूर्ण है।’

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