राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

नंदीग्राम आंदोलन का जिक्र करते हुए भावुक हुईं ममता बनर्जी, बोलीं- उस वक्त मेरे साथ बहुत अत्याचार हुए थे

नंदीग्राम। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नंदीग्राम से सीट खाली हुई थी इसलिए मैं यहां आई हूं। मैं हर नाम भूल सकती हूं लेकिन नंदीग्राम का नाम नहीं भूल सकती। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम में जब आंदोलन चल रहा था उस वक्त मेरे घर में काली पूजा हो रही थी। मैं उस समय अपने घर वापस नहीं आ पाई थी। क्योंकि उस वक्त मेरे साथियों ने फोन करके बताया था कि किस तरह से नंदीग्राम में गोली चल रही थी। तब मेरे जहन में यही चल रहा था कि मैं किस तरह से लोगों को बचाऊं। आप लोगों को याद होगा कि किस तरह से 14 मार्च को यहां पर गोलियां चली थी।

तृणमूल प्रमुख ने कहा कि उस वक्त मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। सिंगूर के अनशन के बाद मैं अस्पताल में थी फिर भी यहां पर आई। मुझे रोकने के लिए पेट्रोल बम भी फोड़े गए थे। उस वक्त मुझे कितनी तकलीफ हुई थी, इसकी आपको जानकारी है। उस दिन रास्ते में कोई नहीं था। उस दिन रास्ते में मैं अकेले थी और मैंने ठान लिया था कि मुझे नंदीग्राम पहुंचना है।

ममता ने कहा कि बंगाल के राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने रात के दो बजे मुझे फोन करके कहा था कि आप रात में नंदीग्राम जाने की कोशिश नहीं करिए। क्योंकि आपकी जान को खतरा हो सकता है। उस वक्त हमने फैसला लिया था कि हम सोलाघाट से जाएंगे लेकिन हर एक रास्त बंद था। आप लोगों को यह याद है कि मैं किस तरह से नंदीग्राम पहुंची थी।

उन्होंने कहा कि आप लोगों को याद होगा कि मैं पैदल चलकर, दोपहिए का इस्तेमाल करके तामलुक अस्पताल पहुंची थी। लेकिन सीपीएम को यह समझ में नहीं आया था कि मैं कैसे तामलुक पहुंची हूं। फिर मैं तामलुक से चंद्रपुर गई। वहां पर मुझे गाली दी गई थी। इतना ही नहीं चंद्रपुर में मीडिया को भी रोक दिया गया था। हम पर आंसू गैस के गोले दागे गए थे और आपको याद होगा कि किस तरह से अत्याचार हुआ था। इसके बाद मैंने नंदीग्राम के आंदोलन को पूरे बंगाल में फैला दिया था।

उन्होंने कहा कि आप लोगों ने जिस तरह से अत्याचारों के खिलाफ खड़े हुए हैं। इसलिए मैं कह सकती हूं कि अपना नाम भूल सकती हूं लेकिन नंदीग्राम को नहीं। तृणमूल प्रमुख ने भावुक अपील करते हुए कहा कि अगर आप लोग कहेंगे तो मैं नामांकन दाखिल नहीं करूंगी लेकिन आपको लगता है कि मैं आपकी ही बेटी हूं, आपके आंदोलन के साथ हूं तब जाकर मैं नामांकन दाखिल करूंगी। मैं आप लोगों से जानना चाहती हूं। कुछ लोग कहते हैं कि मैं बाहर से हूं। मैं बंगाल की बेटी हूं लेकिन जो लोग यह कह रहे हैं वो राजस्थान से, दिल्ली से आ रहे हैं क्या वह बाहरी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सीपीएम, कांग्रेस और भाजपा एक है। यह आपको नहीं भूलना है।