पटना: बिहार सरकार की काफी लंबे से अटकी हुई मांग जल्द पूरी होने वाली है। सरकार ने राज्य में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक पूरी बटालियन की स्थायी तैनाती की मांग की थी। इसे अब दिल्ली स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय से मंजूरी मिल गई है। पंजाब के जालंधर से दंगा रोधी दल की तीन कंपनियों को बिहार भेजा जाएगा। सीआरपीएफ (बिहार क्षेत्र) के आईजी हेमंत प्रियदर्शी ने सीआरपीएफ के 82वें स्थापना दिवस पर द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा, ‘इस साल के अंत से पहले बिहार में पूरी बटालियन होगी।’ प्रियदर्शी ने बुधवार को कहा कि सीआरपीएफ की 114 आरएएफ बटालियन की तीन कंपनियों को जल्द ही जालंधर से बिहार शिफ्ट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 114 आरएएफ बटालियन की एक कंपनी पहले से ही मुजफ्फरपुर में तैनात है। टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रियदर्शी ने कहा, ‘बाकी की तीन कंपनियों को मोकामा और मुजफ्फरपुर में तब तक अस्थायी रूप से तैनात किया जाएगा जब तक कि वैशाली में बटालियन के लिए स्थायी मुख्यालय का निर्माण नहीं हो जाता।’ आईजी ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने वैशाली में 29 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। इसपर आरएएफ बटालियन के मुख्यालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा, ’21 एकड़ और जमीन अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है। सीआरपीएफ अगले तीन महीनों में उस जमीन को अपने कब्जे में ले लेगी। अगले तीन वर्षों में मुख्यालय का निर्माण होने की संभावना है।’
प्रियदर्शी ने कहा कि बिहार के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों से सीआरपीएफ की दो बटालियन को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित करने का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, अधिकांश खाली क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल के जवान तैनात हैं। ऐसे क्षेत्रों से अभी तक कोई प्रतिकूल इनपुट नहीं आया है। इसके अलावा, सीआरपीएफ पिछले कई महीनों से माओवादी घटनाओं का काउंटर कर रहा है। इसमें गया में 83 से अधिक आईईडी का पता लगाना भी शामिल है। प्रियदर्शी ने कहा कि सीआरपीएफ 11 मार्च को गांधी मैदान में, 12 मार्च को इको पार्क में एवं 16 और 17 मार्च को मोकामा घाट के पंचमहला और औंटा में आम लोगों के लिए बैंड शो का आयोजन करेगा। इसके अलावा, शहीदों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित करने, जागरूकता पैदा करने और युवाओं को बल में शामिल होने के लिए जानकारी साझा करने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


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