राष्ट्रनायक न्यूज

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आखिर क्यों सुषमा और जेटली की बेटियों को जवाब देने के लिए आगे आना पड़ा

दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रनायक न्यूज। विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों को चाहिए कि वह मुद्दों पर आधारित चुनाव लड़ें लेकिन इसकी बजाय विवादित बयानों के जरिये एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है। यही नहीं अब तो उन लोगों पर भी बयानबाजी की जा रही है जोकि इस दुनिया में नहीं हैं। तमिलनाडु में सत्ता पाने को आतुर द्रमुक के नेता एक से बढ़कर एक विवादित बयान दे रहे हैं। द्रमुक नेता और 2जी घोटाले में आरोपी रहे पूर्व मंत्री ए. राजा ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की माँ पर अपमानजनक टिप्पणी की तो अब उनसे आगे बढ़ गये हैं उदयनिधि। द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने विवादित बयान देते हुए स्वर्गीय अरुण जेटली और सुषमा स्वराज पर टिप्पणी की है जिसका इन दोनों स्वर्गीय नेताओं की बेटियों ने तगड़ा जवाब दिया है।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु के धरमपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि द्रमुक एक परिवार की पार्टी है। जिसके बाद उदयनिधि स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान, प्रधानमंत्री बनने के लिए नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं को साइडलाइन कर दिया। जबकि मोदी के रुख के कारण एक अन्य वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ दी। उदयनिधि ने कहा कि मोदी ने एम. वेंकैया नायडू को भी किनारे कर दिया। उदयनिधि यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली प्रधानमंत्री मोदी का दबाव और यातनाएं नहीं झेल पाए और उनकी मौत हो गई।’

उदयनिधि के इस बयान पर तत्काल सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने ट्वीट कर आपत्ति जताई और कहा कि ‘उदयनिधि कृपया अपने चुनाव प्रचार के लिए मेरी मां का उपयोग न करें। आप जो कह रहे हैं वह गलत है। नरेंद्र मोदी जी ने मेरी मां को अत्यंत सम्मान दिया। हमारे बुरे समय में भी प्रधानमंत्री और पार्टी हमारे साथ खड़ी रही और मदद की। आपके बयान ने हमें ठेस पहुंची है।’ बांसुरी स्वराज के ट्वीट के तुरंत बाद पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी सोनाली जेटली ने भी उदयनिधि स्टालिन के आरोपों का तगड़ा जवाब दिया। सोनाली जेटली ने अपने ट्वीट में लिखा कि उदयनिधि जी मुझे पता है कि चुनावों का दबाव है लेकिन जब आप मेरे पिता की याद का अपमान करते हैं, तो मैं चुप नहीं रहूंगी। सोनाली ने कहा कि मेरे पिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बेहतर रिश्ता था जो राजनीति से अलग जाता है। मैं प्रार्थना करती हूं कि आप उस तरह की दोस्ती को समझ सकें।

बहरहाल, उदयनिधि स्टालिन की इस टिप्पणी से भाजपा को तमिलनाडु में द्रमुक को घेरने का एक और बड़ा कारण मिल गया है क्योंकि यह बात तो सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली कितने करीबी मित्र थे और यह बात भी जगजाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा स्वराज का सदैव सम्मान किया और जब ललित मोदी से जुड़े एक विवाद में सुषमा स्वराज को विपक्ष घेर रहा था तब भी मोदी चट्टान की तरह तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ खड़े रहे थे। लेकिन परिवारवादी दलों के नेताओं से मित्रता की गहराइयों को समझने और वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करने की उम्मीद करना बेमानी ही होगा।

जहां तक उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयानों की बात है तो उन्होंने यह भी कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मैंने पार्टी में आने के लिए छोटा रास्ता अपनाया है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं और किसी भी चीज का सामना करने के लिए तैयार हूं।” उदयनिधि ने कहा, ”मैं एम. करुणानिधि का पोता हूं और आत्मसम्मान आंदोलन शुरू किया है। मैं कोई भाजपा नेता या के. पलानीस्वामी या ओ. पन्नीरसेल्वम नहीं हूं, जिन्हें आपकी धमकियां खत्म कर दें।” यहाँ उदयनिधि से यह पूछा जाना चाहिए कि यदि उन्होंने छोटा रास्ता नहीं अपनाया और उनकी पार्टी में किसी को साइडलाइन नहीं किया गया तो क्यों करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी को द्रमुक में साइडलाइन कर दिया गया है? क्या द्रमुक अब भाई स्टालिन और बहन कनिमोझी की पार्टी बनकर नहीं रह गयी है?
नीरज कुमार दुबे

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