पटना। बीडीओ मनीषा प्रसाद की पटना के एक निजी हॉस्पिटल में शनिवार को कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान मौत हो गयी। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। पहले सीवान व फिर पटना में बीडीओ का इलाज चल रहा था। कोराना पॉजिटिव बीडीओ की शुक्रवार की रात अचानक ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया जिससे मौत हो गयी।
हुसैनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि 13 अप्रैल को बीडीओ मनीषा प्रसाद ने उन्हें फोन कर गले में खरास व जकड़न जैसी समस्या के बारे में बताते हुए तबीयत खराब होने की बात कही थी। इसके बाद डॉ. मनीष कुमार द्वारा सीवीसी, टाइफायड व मलेरिया की जांच के लिए कहा गया था। डॉ. मनीष ने बताया कि जांच में हीमोग्लोबिन व अन्य रिपोर्ट नॉर्मल थी परन्तु विडॉल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस कारण एंटीजन किट से उनकी कोरोना जांच की गई जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बाद टायफायड की दवा दी गई थी। दवा से एक दिन आराम मिला मगर दूसरे दिन पुन: तबीयत खराब होने पर डॉ. मनीष द्वारा किसी अच्छे हॉस्पिटल में दिखाने के लिए मशवरा दिया गया। इधर आरटीपीसीआर की जांच के लिए पटना भेजे गए उनके सैंपल की जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी। डॉ. शंकर सिंह के यहां तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें पटना स्थित संजीवनी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां वो पिछले एक हफ्ते से इलाजरत थी। इसी दौरान जांच में डाक्टरों ने रिपोर्ट पॉजिटिव बताया। शुक्रवार की रात से ही उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था। फलस्वरुप शनिवार की अहले सुबह लगभग चार बजे मौत गई।
मनीषा प्रसाद मूल रूप से मढ़ौरा की रहने वाली थीं, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई कोलकाता से की थी। पटना के एएन कॉलेज से अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई मुकम्मल कर उन्होंने बीपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। बीपीएससी की पहली परीक्षा में उन्हें सफलता मिली और 2013 में पहली बार उन्हें पटना के पंडारक प्रखंड का बीडीओ बनाया गया।


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