राष्ट्रनायक न्यूज।
सीवान/गोपालगंज। छह महीने बाद इंज्यूरी उजागर, 15 माह बाद भी एफआईआर नहीं। जी हां आपने सही पढ़ा। यह बसन्तपुर थाना की पुलिस की हकीकत है। जिसे जानकर हैरानी होगी कि भूमिका क्या होनी है और क्या हो रहा है? घटना 3 मार्च 2020 की है। सत्य प्रकाश वर्मा जो पत्रकार भी हैं, अपनी हिस्से की जमीन सीवान जिला के बसन्तपुर थाना के बसन्तपुर गांव की सुनिता देवी को तीन लाख नब्बे हजार रुपए में रजिस्ट्री कर बोलेरो जीप से अपने गांव बसहा थाना बैकुंठपुर जिला गोपालगंज जाने के लिए सवार हुए ही थे कि पूर्व से घात लगाए उनके एक पट्टीदार मनोज कुमार, प्रभात कुमार, प्रकाश कुमार उर्फ अजय, नीतीश कुमार और कुछ अपराधियों ने उनकेे लड़के को चाकू से घायल कर तथा इन लोगों से मारपीट कर जमीन के तीन लाख नब्बे हजार रुपए लूट लिए और जाते जाते भाड़े की बोलेरो गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। लोगों के सहयोग से इन लोगों को अस्पताल लाया गया और इलाज हुआ। सत्यप्रकाश वर्मा घटना की जानकारी सीवान एसपी को मोबाइल पर दिए और प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए बसन्तपुर थाना गये। जहां पहले से बैठे विरोधी पट्टीदार के इशारे पर इनको और इनके दो लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया। और दूसरे दिन जानलेवा हमला का केस कर इन लोगों को जेल भेज दिया गया।
सत्य प्रकाश वर्मा और उनकेे घायल लड़कों की इंज्यूरी रिपोर्ट को छह महीने तक दबा कर रखा गया और घायल कर लूट के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहींं की गयी। जमानत पर रिहा होने के बाद पीड़ित सत्य प्रकाश वर्मा ने एसपी सीवान और डीआईजी सारण को घटना की पुनः लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई। डीआईजी सारण मनु महाराज के द्वारा कार्रवाई के लिए सत्य प्रकाश वर्मा के आवेदन को सीवान एसपी को भेजा गया। जहां से सीवान के एसपी डाक्टर अभिनव कुमार ने बसन्तपुर थाने में भेज दिया। अब बसन्तपुर थाना की पुलिस इंज्यूरी के साथ डीआईजी सारण के यहां से भेजे गये सत्य प्रकाश वर्मा के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी कर रही है। और अनेक बहाने बना रही है। छह महीने तक जिस इंज्यूरी को बसन्तपुर पुलिस ने दबाये रखा और यह परिवार इंसाफ के लिए दर-दर भटकता रहा और पन्द्रह माह बाद भी एफआईआर दर्ज नहींं की गयी। क्या पुलिस के इस रवैए से पीड़ित को इंसाफ मिल पायेगा? यद्यपि डीआईजी सारण मनु महाराज द्वारा कार्रवाई के लिए ही इंज्यूरी सहित आवेदन सीवान भेजा गया। परंतु बसन्तपुर पुलिस कार्रवाई से कतरा रही है, जो बसन्तपुर पुलिस को कठघरे में खड़ा कर रहा है।


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