अगले कुछ घंटों में खतरनाक हो सकता है चक्रवाती तूफान अम्फान, इन राज्यों में मंडराया खतरा
बंगाल की खाड़ी में उठ रहे तूफान अम्फान कई राज्यों के लिए खतरा बन सकता है। मौसम विभाग के अनुसार इस समय देश में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव है। इसके कारण देश के पहाड़ी क्षेत्रों जैसे, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ ही पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मौसम बिगड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी और पड़ोसी क्षेत्रों से उठा चक्रवाती तूफान अम्फान अगले 12 घंटे में खतरनाक रूप ले सकता है। दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तेजी से वृद्धि हो सकती है। ओडिशा के तटीय इलाके और आसपास के क्षेत्र में तूफान की चेतावनी दी है।
थाईलैंड ने दिया तूफान अम्फान का नाम
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला 15 साल पहले यानी 2004 में शुरू हुआ। इसके लिए एक सूची बनाई गई। इस सूची में आठ देश शामिल हैं। आठ देशों को क्रमानुसार आठ नाम देने हैं। जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है। इनमें बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। हर देश ने आठ नाम दिए हैं। इस तरह कुल 64 नाम तय किए गए हैं। इस बार चक्रवाती तूफान के नामकरण की बारी थाईलैंड की थी। थाईलैंड ने इसका नाम अम्फान रखा है।
200 किलोमीटर प्रति घंटा से चलेंगी हवा की रफ्तार
अम्फान तूफान आनेवाले दिनों में कितना घातक रूप ले सकता है इसका अंदाजा इसकी रफ्तार से लगाएं। बताया जा रहा है कि 19 मई तक इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा की हो सकती है। इसकी वजह से ओडिशा, बंगाल में दो दिनों तक भारी बारिश भी होगी। 20 मई तक यह दोनों राज्यों को पार करेगा। चक्रवाती तूफान की गति और क्षमता को देखते हुए राज्य सरकार ने आज दिन में केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि वह अम्फान के रास्ते से होकर गुजरने वाली सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अस्थाई रूप से स्थगित कर दे।
ओडिशा और बंगाल के समुद्री तटों पर ना जाएं
तूफान के कारण दक्षिण और बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान सागर में समुद्र की स्थिति खराब से बेहद खराब रहने वाली है, ऐसे में सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वह 18 मई से लेकर समुद्र में या ओडिशा के समुद्री तटों पर ना जाएं। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं।
ओडिशा के इन जिलों में चक्रवाती तूफान अपना असर दिखा सकता है
यह तूफान अगले 48 घंटों में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटवर्ती इलाकों से टकरा सकता है। जिसके असर से इन राज्यों में भारी बारिश और आंधी चलेगी। ओडिशा के तटवर्ती जिलों में प्रशासन को संभावित तूफान से बचाव के लिए तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें लोगों के लिए शेल्टर होम का निर्माण करना भी शामिल है। जिन जिलों में चक्रवाती तूफान अपना असर दिखा सकता है, उनमें जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर आदि शामिल हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को फिलहाल समुद्र में ना जाने की सलाह दी है।
ओडिशा में एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात
ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, पुरी, जगतसिंहपुर, जाजपुर और मयूरभंज जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 10 टीमें तैनात की गई हैं। 7 टीमें कटक में 3 एनडीआरएफ बीएन मुंडाली में हैं।
चक्रवात 20 मई को कर सकता है लैंडफाल
भारत मौसम विभाग भुवनेश्वर, डायरेक्टर एच.आर.विश्वास ने बताया कि 20 मई की दोपहर से शाम के बीच अम्फान चक्रवात के पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के हातिया द्वीप के बीच में लैंडफाल कर सकता हैं। वहां चक्रवात भयानक रूप ले लेगा। चक्रवात के कारण ओडिशा में भारी वर्षा होगी और तेज आंधी चलेगी।
अगले कुछ घंटों में ले सकता है गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप
समाचार एजेंसी पीटीआई ने गृह मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से कहा कि अगले छह घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान में गंभीर औऱ तेजी आने की संभावना है और 12 घंटे के दौरान बहुत भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। यह सोमवार तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है और फिर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पूर्व की ओर फिर से बढ़ेगा।
18 मई को भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है अम्फान
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में दबाव का क्षेत्र बना था, जो धीरे-धीरे चक्रवात में बदलने लगा है। यह चक्रवात 17 मई से बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तट की तरफ बढ़ेगा। जो 18 मई यानी सोमवार को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
सरकार अलर्ट
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ), सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल को सतर्क किया गया है और राज्य सरकार के अधिकारियों से समन्वय करने को कहा गया है। गृह, रक्षा मंत्रालयों के साथ-साथ भारतीय मौसम विभाग और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया। राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक में हिस्सा लिया।
दीघा समुद्र तट से 1140 किमी दूर है चक्रवात
मौसम विभाग ने रविवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर तूफान को लेकर ताजा बुलेटिन जारी किया है। इसके मुताबिक ये तूफान फिलहाल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में है और ये उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। हवा की रफ्तार इस वक्त 6 किलोमीटर प्रतिघंटा है। तट से इसकी दूरी का हिसाब लगाया जाय तो ये ओडिशा के पारादीप से 990 किलोमीटर दक्षिण में है. जबकि पश्चिम बंगाल के दीघा से इसकी दूरी 1140 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, इस दौरान 70 किलोमीटर प्रतिघंटे तक तेज हवाएं चलेंगे और बारिश भी होगी।मौसम विभाग इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ अभी भी सक्रिय है। इसका असर पर्वतीय इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बना हुआ है। जिसे लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी
सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वह 18 मई से समुद्र में या ओडिशा के समुद्री तटों पर ना जाएं। चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 12 तटीय जिलों में अलर्ट जारी किया है। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन सभी को 17 मई तक लौटने को कहा गया है।
चक्रवाती तूफान अम्फान का असर देश के आठ राज्यों पर पड़ सकता है। जिसके चलते इन राज्यों में भारी बारिश और आंधी चल सकती है। खासकर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तूफान के चलते भारी बारिश हो सकती है।
भयंकर चक्रवात में बदल सकता है तूफान
यह चक्रवात शनिवार की सुबह पश्चिम बंगाल में दीघा के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 1,220 किलोमीटर की दूरी पर था। मौसम कार्यालय ने यहां बताया कि इस तूफान के प्रभाव से 19 मई से राज्य के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जीके दास ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र रविवार की शाम तक भयंकर चक्रवात में बदल सकता है और यह 17 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि इसके 18 से 20 मई के दौरान उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और फिर पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने की संभावना है। इस तूफान से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में तबाही हो सकती है। ओडिशा के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर और भद्रक जैसे जैसे तटीय इलाकों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
चक्रवाती तूफान को लेकर नौसेना अलर्ट मोड में
कोरोना संकट के बीच दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी पर अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है। वहीं, अगले 24 घंटे में ये एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इस बीच, पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) भी अलर्ट हो गई है। विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना के जहाज अलर्ट मोड में हैं। वे मेडिकल सर्विस और लोगों की हर प्रकार की मदद के लिए तैनात हैं।
इन जहाजों में अतिरिक्त गोताखोर, डॉक्टर और राहत सामग्री तैयार है। इसमें खाने के सामान, तम्बू, कपड़े, दवाएं, कंबल आदि पर्याप्त मात्रा में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बचाव और राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए जेमिनी बोट्स और मेडिकल टीमों के साथ बचाव दल भी तैयार हैं।
बंगाल के तटीय जिलों में मौसम बेहद खराब हो सकता है
मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात धीरे-धीरे शक्तिशाली रुप धारण करता जा रहा है। इसके पहले बंगाल की खाड़ी में उत्तर और उत्तर-पश्चिम और फिर उत्तर और उत्तर-पूर्व में कदम रखने के अनुमान है। परिणामस्वरूप, सोमवार से बुधवार तक बंगाल के तटीय जिलों में मौसम बेहद खराब रह सकता है।
मंगलवार और बुधवार को वहां बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। इनमें कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर मुख्य रूप से शामिल हैं। 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। वहीं समुद्र के अंदर हवा की गति 190 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।


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