राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

रहस्यमय है तिरुपति बालाजी का भगवान वेंकटेश्वर मंदिर

पटना: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है तिरुपति, जहाँ तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर स्थित है। यहाँ देश के कोने-कोने से प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी जी की मूर्ति विराजमान है जिसे भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

यह मंदिर समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना हुआ है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर, दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभूत समावेश हैं। तिरुपति बालाजी के कुछ रहस्य भी है जिसे जानकर लोग अचंभित होते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर स्थित एक गाँव है, जहाँ लोग काफी पुरानी जीवन शैली का उपयोग करते हैं। कहा जाता है कि इसी गांव से तिरुपति बालाजी मंदिर के लिए फूल, फल, घी आदि सामग्री जाता है। यह भी बताया जाता है कि इस गांव में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित है। एक खास तरह का कपूर होता है परचई कपूर। इस कपूर को यदि पत्थर पर लगा दिया जाय तो वह पत्थर कुछ समय के बाद दरक (चटक) जाता है, लेकिन परचई कपूर को भगवान की मूर्ति पर लगाने से कपूर का मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

यह भी काफी विचित्र बात है कि भगवान वेंकटेश्?वर के मूर्ति के कानों के पास अगर ध्यान से सुना जाए, तो समुद्र की लहरों की आवाज आती है और मूर्ति को अगर गर्भगृह के बाहर से देखेंगे तो मूर्ति दाई ओर दिखाई देगी और गर्भगृह के अंदर से देखेंगे तो मूर्ति मध्य में दिखेगी। मंदिर का गर्भगृह को ठंडा रखने के बावजूद रहस्यमय बात यह है कि मूर्ति का तापमान 110 फॉरेनहाइट रहता है और मूर्ति को पसीना भी आता है जिसे समय-समय पर पुजारी पोछते रहते हैं। वैज्ञानिकों के पास भी यह जवाब नहीं है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के मूर्ति पर लगे बाल कभी नहीं उलझते और वह हमेशा मुलायम रहते हैं ऐसा क्यों होता है। एक रहस्यमय बात यह भी है कि मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक जलता रहता है और यह दीपक हजारों सालों से ऐसे ही जल रहा है वह भी बिना तेल के। यह बात काफी ज्यादा हैरान करने वाली है ऐसा क्यों हो रहा है इसका जवाब आज तक किसी ने नहीं दे सका है।

You may have missed