नई दिल्ली, (एजेंसी)। कोरोना की दूसरी लहर संपत्ति बाजार को थोड़ा मुस्कराने का मौका दे दी। संपत्ति सलाहकार जेएलएल इंडिया के मुताबिक अचल संपत्ति बाजार में संस्थागत निवेश मौजूदा वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सालाना आधार पर लगभग 9 गुना बढ़कर 1.35 अरब डॉलर हो गया। इसका मुख्य कारण भंडारण सुविधा की परियोजनाओं में धन की आमद का बढ़ना रहा।
जेएलएल इंडिया ने 2021 की दूसरी तिमाही में अपनी ‘कैपिटल मार्केट्स’ रिपोर्ट में कहा कि संस्थागत निवेशकों ने 2021 कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान अचल संपत्ति में 135.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया जो इससे पिछले वर्ष की इसी तिमाही में केवल 15.5 करोड़ डॉलर था। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भंडारण क्षेत्र में सबसे अधिक 74.3 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। जबकि इससे पिछले की इसी अवधि में यह 4.1 करोड़ डॉलर था।
वहीं खुदरा अचल संपत्तियों में निवेश मौजूदा कैलेंडर वर्ष दूसरी तिमाही में 27.8 करोड़ डॉलर रहा। इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में हालांकि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का निवेश नहीं हुआ था। कोविड-19 के प्रभाव के बाद कार्यलयों के लिए संपत्ति बाजार में बड़ा निवेश हुआ। इस श्रेणी में मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 23.1 करोड़ का निवेश हुआ, जो पिछले की इसी तिमाही में 6.6 करोड़ डॉलर का था। जेएलएल इंडिया की मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष और प्रमुख राधा धीर ने कहा कि वर्ष 2021 की पहली छमाई में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद 2.7 अरब डॉलर का निवेश आया जो वर्ष 2020 में आये कुल निवेश का 53 प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा, ”निवेशक स्थिति के अनुसार ढल रहे हैं और अनिश्चित वातावरण के अनुकूल हो रहे हैं। 2021 के पहले तीन महीनों के दौरान लॉकडाउन में ढील ने भी निवेशकों को महामारी से निपटने का अनुभव दिया।


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