खरीफ फसलों की बुवाई को ले किसान बीज तैयार करने में जी जान से लगे
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। खरीफ फसलो की बुआई से पूर्व किसान भाई इन दिनों खेत की तैयारी में जी- जान से लगे हुए है। पूर्व की फसलो की कटाई के बाद खेत में उपजे खरपतवार को नष्ट करने को लेकर सुबह- शाम किसान अपने परिजनों और दैनिक मजदूरो के सहयोग से जल्द से जल्द कार्य संपन्न करने जुट गये है। वही सर्वप्रथम किसान धान का बिचड़ा डालने को लेकर युद्धस्तर पर खेत की तैयारी और बीज के चयन को लेकर आपसी समन्वय के साथ लगे हुए है। गत दो-तीन वर्षो से मानसून के दगा देने से प्रभावित किसान इस बार बीज के चयन में सतर्कता बरतते दिख रहे है। किसानो ने बताया की धान की कई प्रजाति के बीज इस बार बाजारों में उपलब्ध है। जो कम वारिस में भी अच्छी उपज देती है।जिसके बारे में अनुभवी लोगो से राय ली जा रही है। हालाँकि बिगत एक सप्ताह से तेज धुप और तापमान में बृद्धि होने की वजह से खेतो में कार्य करने के दौरान काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है। प्रगतिशील बाबूलाल राय,लक्ष्मण राय, पशुपतिनाथ सिंह आदि ने बताया की इस मौसम में खरीफ फसलो की बुआई से पूर्व कम से कम दो बार खेत की जुताई आवश्यक होती है। ज्यादातर किसान प्रथम जुताई करने के बाद दूसरी जुताई से पूर्व जोरदार वारिश के इंतजार कर रहे है। कई किसानो ने बताया की फिलवक्त कल्टीवेटर से जोतनी का कार्य संपन्न किया जा रहा है। मगर कड़ी धुप की वजह से मिट्टी में कड़ापन की वजह से गहराई तक जुताई करना संभव नहीं हो पा रहा है। किसानो की माने तो अगर एक हप्ते में बारिस नहीं होती है तो खरीफ फसलो की बुआई में देरी हो सकती है। मिट्टी में गहराई तक जुताई के बाद तेज धुप होने से खरपतवार सुख जाते है।जो खेत की उर्वरा शक्ति बनाये रखने के लिये लाभदायक माना जाता है। वही अगामी फसल में भी खरपतवार का प्रभाव नगण्य होता है। हालांकि इस बार मौसम विभाग द्वारा समय से मॉनसून के आगमन के साथ ही अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है।


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