नयी दिल्ली, (एजेंसी)। सरकार ने सोमवार को बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) के लिये स्थायी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है और संबंधित राज्य सरकार से भूमि प्राप्त नहीं होने के कारण 17 जेएनवी का निर्माण नहीं हो सका है। लोकसभा में रतन सिंह मगन सिंह राठौर के प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय योजना के तहत देश के प्रत्येक जिले में एक जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की परिकल्पना की गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अब तक 661 जवाहर नवोदय विद्यालय स्वीकृत किये जा चुके हैं जिनमें 580 विद्यालय स्थायी परिसरों में काम कर रहे हैं।’’
प्रधान ने कहा कि ‘संबंधित राज्य सरकार से भूमि प्राप्त नहीं होने के कारण 17 जेएनवी का निर्माण नहीं हो सका है।’ मंत्री द्वारा सदन में रखे गए आंकड़ों के अनुसार, इन 17 जेएनवी में अरूणाचल प्रदेश में एक, असम में एक, बिहार में एक, छत्तीसगढ़ में एक, दिल्ली में सात, जम्मू कश्मीर में दो, झारखंड में एक तथा पश्चिक बंगाल में 3 विद्यालय शामिल हैं। प्रधान ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय के लिये स्थायी परिसरों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है जो आवश्यक उपयुक्त भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिये संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन की सहमति पर निर्भर करता है।


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