पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में लोगों की शिकायत सुन रहे हैं। सीएम नीतीश ने एक शिक्षक से कहा कि अब नियोजित शिक्षक मत कहिए, वो भी शिक्षक ही हैं। हमने नियोजित शिक्षक से नियोजित शब्द हटा दिया है। वहीं एक युवती ने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि हम स्नातक पास कर गये हैं। इसके बाद भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया। इसके अलावा एक युवक ने जनता दरबार में कहा कि लोन देने में हम सक्षम नहीं। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत जो लोन लिया है, उसे माफ किया जाये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को फोन लगाया। उन्होंने शिक्षा मंत्री से कहा कि एक लड़का आया है, जो स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन लिया है। यह लोन देने में सक्षम नहीं। हमने तो कई बार कहा ही है कि जो लोग लोन देने में सक्षम नहीं उनका लोन माफ कर देंगे। ऐसे में इस युवक के आवेदन को देखिए। शिक्षा मंत्री ने सीएम नीतीश से कहा कि वो खुद इस मामले को अलग से देखेंगे।
इसके अलावा जनता दरबार में एक व्यक्ति शिकायत लेकर पहुंचा था कि उसकी पत्नी को कोरोना हो गया था, उस समय हम लोग दिल्ली चले गए, जहां पत्नी की मौत हो गई। जब पत्नी की मौत के बाद मुआवजे के लिए आवेदन दिया तो बताया गया कि मौत बिहार से बाहर हुई है, इसलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। शिकायत सुनन के बाद सीएम नीतीश भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि महिला की मौत भले ही बिहार से बाहर हुई है, लेकिन वह बिहार की निवासी है, ऐसे में मुआवजा मिलना चाहिए। सीएम ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसमे महिला बिहार की है, इसलिए उसके आश्रितों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराया जाए।


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