बिहार के 60 फर्जी संस्कृत स्कूल: संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने अवैध करार दिया तो माफियाओं ने बोर्ड के अध्यक्ष का जाली हस्ताक्षर कर ले ली मान्यता
अजय कुमार सिंह/कशिश भारती।छपरा
बिहार में 60 फर्जी संस्कृत स्कूल संचालित करने का खुलासा हुआ है। ये खुलासा संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने खुद की है। इसमें सारण जिला में 20 स्कूल शामिल है। बोर्ड के अध्यक्ष ने नौ जिलों में संचालित 60 फर्जी स्वीकृति वाले इस संस्कृत स्कूलों पर कार्रवाई करने के लिए डीएम को निर्देशित किया गया है। जानकारी के अनुसार सारण जिले में 20, सीवान में 14 जहानाबाद में एक, कैमूर में 13 पूर्वी चम्पारण में पांच, भोजपुर में एक और रोहतास में दो, गोपालगंज में दो, मधुबनी में दो स्कूल शामिल है। सारण जिले के 60 प्रस्तावित संस्कृत विद्यालय लम्बें समय से कोर्ट की लड़ाई मान्यता के लिए लड़ रहे है। इस बीच 2018 में पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर भूमि, भवन संबन्धित सभी तरह के जांच के लिए जिलाधिकारी सारण को दिया। जिलाधिकारी ने एक समिति बनाई। जिसमें जिला प्रशासन, जिला शिक्षा पदाधिकारी और अन्य अधिकारियों ने 60 विद्यालयों की जांच की, जिसमें कोई धरातल पर नहीं थे। जिलाधिकारी ने सभी 60 प्रस्तावित संस्कृत विद्यालयों को मान्यता नहीं देने की अनुशंसा की। जिसके बाद जांच से असंतुष्ट सारण के 20 प्रस्तावित संस्कृत विद्यालयों के प्रबंधकों सहित बिहार के अन्य 8 जिलों के 40 संचालकों ने मिलकर संस्कृत शिक्षा बोर्ड के फर्जी हस्ताक्षर से मान्यता ले ली। तब बोर्ड के अध्यक्ष को यह मालूम हुआ तब इस फजीवाड़े का पता लगा। फिलहाल इन संस्कृत विद्यालयों के संचालकों और प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। वहीं सूत्रों की माने तो कई विद्यालयों में बहाली के नाम पर लाखों रूपये का खेल किया जा चुका है। जिसको लेकर उन लोगों में भी भय है कि उनका पैसा डूबना तय है।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
हाल के दिनों में इन शिक्षा माफियाओं ने मिलकर संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष का जाली हस्ताक्षर कर 60 स्कूलों की मान्यता संबंधित आदेश खुद से जारी कर लिया है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली भी कर ली गई है और बच्चों के नामांकन भी लिये गये है। ऐसे में शिक्षा माफियाओं के इस कारनामें की जानकारी जैसे ही संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को लगी तो डीएम को जांच कर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया। वर्तमान में इसमें 60 ही संस्कृत स्कूलों ने यह फर्जीवाड़ा किया है। जिसकी जांच डीएम स्तर से की जा रही है। इसमें प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल तक के स्कूल शामिल है।
बोर्ड के अध्यक्ष ने पत्र में लिखी है ये पत्र
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भारती मेहता ने 9 जिले के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बिहार के 60 संस्कृत विद्यालयों के संचालकों पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जिसके बाद इन विद्यालय के संचालकों में खलबली मची हुई है। अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि जब न बोर्ड और न बिहार सरकार ने किसी भी नये प्रस्तावित संस्कृत विद्यालयों की मान्यता नहीं दी तो बिहार के 60 संस्कृत विद्यालयों का प्रस्वीकृति संबंधित पत्र बिना पत्रांक दिनांक में मेरे हस्ताक्षर से कर लिया गया। गौर करने की बात है कि इस सूची में सारण के 20 विद्यालय है, जिनको काई मान्यता सरकार और बोर्ड द्वारा नहीं मिली है।
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बोले-
सस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भारती मेहता ने कहा है कि 60 प्रस्तावित संस्कृत विद्यालयों का पत्र मुझे मोबाइल पर प्राप्त हुआ। जो बिलकुल जाली है। जिसका संबंध न बोर्ड से है और न ही विभाग से है। संबंधित जिला के डीएम को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।


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