राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना(बिहार)। पटना हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग आपसी सहमति से ईवीएम की खरीदारी के लिए एनओसी संबंधी विवाद को सुलझाने को कहा है। साथ ही कोई अन्य उपाय कर मामले का निपटारा जल्द करने का सुझाव भी दिया है। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जवाबी हलफनामा दायर करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार के महाधिवक्ता को इस केस में हाजिर होकर कोर्ट को सहयोग करने का आग्रह किया है। इसके अलावा कोर्ट आदेश की प्रति महाधिवक्ता के कार्यालय को भेजने का निर्देश हाईकोर्ट प्रशासन को दिया है। न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।
गौरतलब है कि सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव में ईवीएम की खरीद के लिए चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है। याचिका में चुनाव आयोग की ओर से 21 जुलाई 2020 को जारी उस हिस्से को चुनौती दी गयी है, जिसके तहत प्रत्येक राज्य के निर्वाचन आयोग के लिए ईवीएम /वीवीपैट की आपूर्ति व डिजाइन के पहले चुनाव आयोग से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इस वर्ष सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ईवीएम की खरीदारी करने के पूर्व चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए पत्र भेजा था, लेकिन अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से पंचायत चुनाव में देरी हो रही है। पंचायती चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक युक्त ईवीएम की जरूरत होती है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है।
ईवीएम आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद की कंपनी ईसीआईएल भी तैयार है लेकिन चुनाव आयोग अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह भी आरोप लगाया है कि विशेष तकनीक युक्त ईवीएम की आपूर्ति की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायती राज चुनाव के लिए खुद चुनाव आयोग ने दी है, लेकिन बिहार में होने वाले पंचायती चुनाव में मशीन खरीद के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के मामले में भेदभाव किया जा रहा है।


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