पटना: होम आइसोलेशन में रह रहे गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजनसिलेंडर कैसे पहुंचाया जाएगा। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में सोमवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही खंडपीठ ने मुख्य सचिव से यह भी पूछा कहा कि सूबे में 18 से 45 वर्ष के लोगों को कब से कोविड का टीका लगना शुरू होगा। शुक्रवार को न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय के कार्यकाल का अंतिम कार्यदिवस होने के कारण मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल के अनुरोध पर सभी आदेश न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय ने दिए। न्यायमूर्ति पांडेय ने अपने कार्यकाल का अंतिम केस के रूप में सुनवाई की। मामलों पर अगली सुनवाई सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे होगी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कोविड के उपचार में ऑक्सीजनकी दिक्कतों पर राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दाखिल हलफनामे पर विचार किया। मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे ने राज्य सरकार से कई सवाल किये।
कोर्ट ने पूछा कि राज्य में आॅक्सीजन की कमी क्यों है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा कि जो लोग घर पर रह अपना इलाज करा रहे हैं, उन्हें आॅक्सीजन की कमी होने पर राज्य सरकार किस तरह आॅक्सीजन उपलब्ध करा रही है? सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया कि सूबे में जिस रफ्तार से कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस मुताबिक राज्य को प्रत्येक दिन 300 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से निर्धारित कोटा का सौ फीसदी रोजाना उठाव तक नहीं कर पा रही है और अब 300 एमटी आॅक्सीजन कोटा बढ़ाने की बात कर रही है।


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