जिला संवाददाता ब्रजेश कुमार। राष्ट्रनायक न्यूज।
हिलसा (नालंदा)। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर दिल्ली में 6 माह से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, किसान आंदोलन पर दमन बंद करने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, डीएपी खाद की मूल्य वृद्धि वापस लेने, गेहूं और मक्का की फसलों का समर्थन मूल्य पर खरीद करने, सभी किसानों मजदूरों बेरोजगारों को प्रतिमाह ₹10000 गुजारा भत्ता देने की मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से थरथरी प्रखंड के हथकटा मोड़ चंडी सड़क पर धर्मपुर में प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन व काला दिवस मनाया गया। पुतला दहन और काला दिवस की अध्यक्षता पूर्व मुखिया व किसान नेता बखोरी प्रसाद ने किया। पुतला दहन व काला दिवस को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष मुनीलाल प्रसाद यादव ने कहा कि दिल्ली में 6 माह से लाखों किसान किसान विरोधी तीनों कृषि कानून को रद्द करने के लिए जाड़े के मौसम से गर्मी और बरसात के मौसम को झेलते हुए लगभग 500 किसानों ने अपनी जान गवा दी है, लेकिन मोदी सरकार ने काले कृषि कानून को वापस नहीं कर अन्नदाता किसानों के आत्मा पर बुलडोजर चला रही है। मोदी सरकार के 7 वर्षों के शासन में देश की प्रमुख संस्थाएं रेलवे, दूरसंचार, जीवन बीमा, कोयला, एयर इंडिया को बड़े बड़े पूंजीपतियों के हाथों में बेचकर नोटबंदी और जीएसटी लागू कर देश की जनता को कंगाल बना दिया गया, जिससे देश का विकास दर -0% हो गया है और देश में बेरोजगारी दर 49% हो गया है। पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के नाम पर पढ़ाई लिखाई रोजगार धंधे बंद हो गए हैं कोरोना के नाम पर ऑक्सीजन, एंबुलेंस, वेंटीलेटर तथा दवाइयों की कालाबाजारी करवा कर अरबों खरबों का लूट की जा रही है और जनता को मरने जीने के लिए भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। कोरोना को भगाने के लिए मोदी ने थाली पिटवाया और दिया जलवाया लेकिन कोरोना नहीं भागा। जब तक देश में प्रधानमंत्री मोदी रहेंगे तब तक देश से करोना भागने वाला नहीं है। इसलिए मोदी जी को इस समय प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहि। इस मौके पर रामानंद प्रसाद, रत्नेश कुमार, पुनीत बिंद , रामबाबू प्रसाद, प्रमोद कुमार, विजय अभिनंदन इत्यादि शामिल थे।


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यह तो संविधान का अपमान भी है