लखनऊ, (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इन सबके बीच जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। समाजवादी पार्टी लगातार जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा पर धांधली का आरोप लगा रही है। इन सबके बीच अखिलेश यादव ने एक बयान में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता के दंभ में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में धांधली करने में हद कर दी है। अखिलेश ने दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी 350 सीटें जीतेगी।
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर अलोकतांत्रिक आचरण से संवैधानिक संस्थाओं के लिए भी खतरा पैदा करने का आरोप लगाया। अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में अपनी हार को जबरन छल कपट से जीत में बदलकर मुख्यमंत्री योगी और भाजपा फौरी तौर पर भले ही अपनी वाहवाही करा लें, मगर अगले साल के शुरू में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। सपा आगामी चुनाव में विधानसभा की 350 सीट जीतकर आएगी और भाजपा चंद सीटों पर सिमटकर विपक्ष में बैठने को मजबूर होगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में जगह-जगह भाजपा नेताओं ने प्रशासन के सहयोग से जनादेश का ‘‘अपहरण’’ करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों और प्रस्तावकों को बलपूर्वक नामांकन करने से रोका।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि दु:ख इस बात का है कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने वालों पर अधिकारी अंकुश लगाने के बजाय मूकदर्शक बने रहे। निर्वाचन आयोग भी असहाय बना रहा और राजभवन ने भी मौन धारण कर रखा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जनता की अदालत से तिरस्कृत भाजपा ने बलरामपुर में जबरन अपनी जीत दर्ज कराने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नजरबंद कर नामांकन पत्र छीन लिया और लोकतंत्र का गला घोंटते हुए ललितपुर में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नामांकन नहीं करने दिया गया। उन्होंने गोरखपुर, झांसी, बस्ती, गाजियाबाद और बरेली समेत कई जिलों में भाजपा नेताओं द्वारा प्रशासन की मदद से सपा के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को नामांकन करने से जबरन रोकने और जानबूझकर पर्चा खारिज कराने के आरोप भी लगाए।
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